रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी कांग्रेस कोई कसर बाकी छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि पीसीसी की रणनीति के अलावा फ्रंटल आर्गेनाईजेशन भी अपनी अलग रणनीति तय कर रहे हैं। मोर्चा संगठनों को सक्रिय कर अलग-अलग बूथ स्तरीय टीमें तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं मोर्चा संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के प्रभारियों और आला नेताओं ने मानिटरिंग शुरू कर दी है। इनमें यूथ कांग्रेस ने तो बूथों में अपनी टीम तैयार करने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
वहीं एनएसयूआई ने भी इसकी तैयारी की है। इधर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुस्मितर देव ने भी छत्तीसगढ़ के दौरे में कुछ इसी तरह के दावे किए हैं। उन्होंने संगठन को इसेक लिए निर्देशित भी किया है। मोर्चा संगठनों की भागीदार चुनाव में अहम मानी जाती रही है। कांग्रेस में लंबे समय के बाद मोर्चा संगठनों की सक्रियता बढ़ी है।
हालांकि महिला कांग्रेस इस मामले में कुछ कमजोर साबित हुआ है। इसके बावजूद यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने लगातार सक्रियता बनाए रखी है। इससे पहले जोगी के कांग्रेस में रहने के दौरान युकां और एनएसयूआई हमेशा पीसीसी की विपरीत राह चलते रहे। इस वजह से चुनाव में भी कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हो पाया। इस बार मोर्चा संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए पीसीसी के साथ कदमताल किया है।
इस वजह से भी पार्टी के रणनीतिकारों को बेहतर संभावनएाएं नजर आ रही है। बूथों में टीम गठित करने के साथ मोर्चा संगठनों के अलग-अलग तैनात पदाधिकारी मानिटरिंग भी करेंगे। वहीं संबंधित मतदान केन्द्रों में मतदाताओं को बूथों तक लाने की जवाबदारी भी होगी। सभी 90 सीटों में बूथ स्तरीय टीम को स्थानीय स्तर पर प्रचार की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। कांग्रेस ने पहली पंजाब पैटर्न पर बूथ कमेटियों का गठन कर काडर तैयार किया है। काडर के जरिए चुनाव मैदान में उतरने के साथ इस बार प्रत्याशियों पर बोझ कम होगा।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यह क्लिक करे