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बोपैया का प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस

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बेंगलुरु : कर्नाटक के रण में कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी संग्राम जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को कल बहुमत साबित करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में नई विधानसभा के संचालन के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला ने प्रोटेम स्पीकर के लिए बीजेपी विधायक केजी बोपैया को चुना है। राज्यपाल ने उन्हें पद की शपथ भी दिला दी लेकिन कांग्रेस को यह फैसला रास नहीं आया। कांग्रेस को इस मामले को फिर से चुनौती देने की तैयारी में है और सुप्रीम कोर्ट का फिर से दरवाजा खटखटाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नेता रजिस्ट्री ऑफिस में अपनी पिटीशन दर्ज कराने के लिए पहुंच गए हैं। चूंकि एक जज शहर से बाहर हैं, ऐसे में मुख्य न्यायाधीश अन्य बेंच का गठन करेंगे। इससे पहले प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस के सभी राजनीतिक और कानूनी विकल्प खुले हुए हैं और पार्टी इस बात पर फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि केजी बोपैया सबसे सीनियर नहीं बल्कि देशपांडे कर्नाटक विधानसभा के सबसे सीनियर मेंबर है और अब तक कि परंपरा के मुताबिक उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाए जाना चाहिए था। उधर, राज्यपाल ने शनिवार की सुबह 11 बजे विशेष सत्र बुलाया है।नई सरकार को शाम 4 बजे से पहले बहुमत हासिल करना होगा।

केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। पार्टी आरोप लगा रही है कि 3 बार के विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है जबकि परंपरा यह रही है कि सबसे सीनियर मेंबर प्रोटेम स्पीकर होता है लिहाजा अदालत में जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल वजुभाई वाला पर निशाना साधते हुए कहा कि केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करके उन्होंने एक बार फिर से संविधान पर हमला किया है। हम जल्द ही आपको इस बारे में और जानकारी देंगे। कोर्ट में जाने का विकल्प खुला है।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर तीसरी बार ‘संविधान का एनकाउंटर’ कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘दागी’ बोपैया जी वही हैं जिन्होंने 2010 में येदियुरप्पा की सरकार बचाने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ा दी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके आदेश को खारिज कर दिया था। दरअसल, बोपैया ने 2010 में कई विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी, हालांकि बाद में शीर्ष अदालत ने उनके फैसले को रद्द कर दिया था। सुरजेवाला के मुताबिक न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि बोपैया ने संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया ताकि येदियुरप्पा की सरकार बचायी जा सके। उसी तरह के हालात आज फिर हैं और बोपैया को फिर से येदियुरप्पा को बचाने के लिए नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यह साबित होता है कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए जालसाजी करके बहुमत हासिल करना चाहती हैं।सुरजेवाला ने कहा कि यह जिम्मेदारी सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को दिए जाने की संवैधानिक परंपरा रही है और कर्नाटक में भी इसी का पालन होना चाहिए।

बीजेपी का पलटवार
उधर, बोपैया मामले पर बीजेपी ने पलटवार किया है। जी न्यूज पर एक कार्यक्रम में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि पूर्व में बोपैया को प्रोटेम स्पीकर पहली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हंसराज भारद्वाज ने बनाया था. कांग्रेस इस मामले में बेवजह तूल दे रही है।

कांग्रेस का एक विधायक लापता
फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैदराबाद में हैं और बेंगलुरु के लिए निकलने वाले हैं। कांग्रेस विधायक राजशेखर पाटिल ने कहा, ”सभी विधायक यहां हैं, हम बेंगलुरु के लिए निकल रहे हैं। सिद्धारमैया यहां आए थे, हम जल्द ही निकलने वाले हैं। हमारे पास 77 विधायक हैं। हम पर कोई दबाव नहीं है। हमारी सरकार बनेगी।” इस बीच, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक आनंद सिंह भारत सरकार की ‘कैद’ में हैं।

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