मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप कर उसे तोड़ने की कोशिश की लेकिन जदयू ने कभी भी कांग्रेस के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया। जदयू का संगठन आज भी मजबूत है और पार्टी में कोई विवाद नहीं है। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा,‘ मैंने कभी किसी का हाथ नहीं पकड़ा था, लोगों ने मेरा हाथ पकड़ और जब परेशानी हुई तो हाथ छुड़ने के लिए छटपटाने लगे, तो मैंने भी ऐसे हाथ को छोड़ दिया।’
श्री कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा घटाये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें राज्य सरकार से जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई। केन्द्र सरकार ने सुरक्षा कम किया, तो क्या-क्या आरोप नहीं लगाये गये। उन्होंने कहा कि वह 12 साल से मुख्यमंत्री हैं। उन्हें केंद्र सरकार से कोई सुरक्षा का दर्जा नहीं मिला हुआ है। वह इसके लिए कभी न तो सोचते हैं और न उसके बारे में उनके मन में कोई बात है। यहां राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा तो मिली ही हुई है। मुख्यमंत्री ने ट्वीटर वार के प्रश्न पर कहा कि उन्हें अखबार पढ़ने में मन लगता है।
उसी दौरान उनके मन में विचार आया कि सोशल मीडिया पर भी कुछ मीठे व्यंग किये जायें, उसमें कोई अपशब्द या तीखा व्यंग भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक के उनके पिछले पांच ट्वीट में कहीं भी कोई अपशब्द नहीं है और ना ही किसी का नाम है। सिर्फ आईना दिखा दिया गया है। श्री कुमार ने श्री राहुल गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में शीर्ष पद हमेशा से एक परिवार के पास होता है, इसमें नया क्या है।
यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है, अब देखना है कि वह पार्टी को कैसे चलाते हैं। उन्होंने जदयू समेत अन्य सभी पार्टियों में शीर्ष स्तर पर चुनाव न होने के प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनकी पार्टी में कई स्तर पर चुनाव होता है। पंचायत, प्रखंड, जिला, राज्य, केंद्रीय सब स्तर पर चुनाव होता है लेकिन शीर्ष स्तर पर यदि कोई दूसरा उम्मीदवार खड़ा ही नहीं होगा तो चुनाव क्यों होगा।
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