रायपुर:छत्तीसगढ़ में राजनीतिक झंझावतों के बीच विपक्ष अब सरकार के खिलाफ मैदानी स्तर पर माहौल बनाएगी। इस मामले में सीधे यूपीए सरकार की योजनाओं को धीरे-धीरे खत्म करने की साजिश को भी प्रचारित किया जाएगा। कांग्रेस की ओर से 13 नवंबर से ही सौ किमी की पदयात्रा में इस एजेंडे को शामिल किया गया है। हालांकि कांग्रेस के अनुषांगिक संगठन राजीव गांधी पंचायती राज संस्था की ओर से पदयात्रा की जा रही है।
इसके बावजूद इस पदयात्रा में सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी सुनिश्चित होगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर सभी राज्यों में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की ओ से पदयात्रा निकाली जाएगी। इसमें मोदी सरकार पर मनरेगा जैसी मजदूरों और गरीबों से जुड़ी अहम योजनाओं को खत्म करने के मामले में कांग्रेस विरोध कर गांव-गांव में इसे प्रचारित करेगी।
इधर राज्य कांग्रेस इकाई ने प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों को भी पदयात्रा के एजेंडे में शामिल किया है। इसमें अकाल के दौर में छत्तीसगढ़ के किसानों को कर्ज माफी का मामला भी शामिल किया गया है। इधर प्रदेश के किसानों को रमन सरकार के वादे के तहत पूरे वर्षों के बकाए बोनस की मांग भी उठाई जाएगी। कांग्रेस ने घोषणा पत्र के वादे की याद दिलाकर समर्थन मूल्य के बकाए के अंतर के साथ बकाए तीन साल के बोनस को लेकर दबाव बनाया है।
इसके अलावा राज्य में रमन सरकार के खिलाफ राजनीतिक आतंकवाद को बढ़ावा देने और विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर संगीन धाराओं में प्रकरण दर्ज करने का भी विरोध होगा। विपक्ष ने इसे प्रशासनिक आतंकवाद के साथ राजनीतिक आतंकवाद का विरोध किया है। कांग्रेस की इस पदयात्रा को एक तरह से चुनावी मिशन की कवायदों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले में विपक्ष ने अपनी रणनीति तय कर दी है।