दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा संचालित 77 पशु चिकित्सालयों और डिस्पेंसरियों का निरीक्षण करने के लिए एक समिति का गठन करने में विलंब किये जाने पर आज नाराजगी जताई।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की एक पीठ ने कहा ,‘‘ समिति बनाने में आपको एक महीना लगता हैं ? हमने 25 अप्रैल को निरीक्षण के लिए आदेश पारित किया था और आज 24 मई है और अब आप समिति बना रहे हैं। ’’
समिति के इन अस्पतालों और डिस्पेंसरियों का निरीक्षण किये जाने की उम्मीद है ताकि उनकी स्थिति का पता चल सके और यह पहचान की जा सके कि कुत्तों की नसबंदी के लिए केन्द्र चलाने के लिए इनमें से किसी के पास स्थान उपलब्ध है या नहीं।
पीठ ने यह भी कहा कि यदि समिति यह पाती है कि नसबंदी केन्द्र स्थापित करने के लिए इनमें से किसी के पास जगह है तो इसके बाद तुरन्त अदालत के निर्देशों का इंतजार किये बगैर केन्द्र स्थापित किये जाने चाहिए। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि 14 अगस्त तय की है।
अदालत दक्षिण दिल्ली के तेहखंड गांव निवासी की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में वहां एक पशु चिकित्सालय इस आधार पर स्थापित किये जाने का विरोध किया गया है कि तुगलकाबाद गांव में एक बड़ी और बेहतर सुविधा मौजूद थी।
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