पटना : राज्य में पनामा बिल्ट रोग से केला फसल को होने वाले नुकसान के स्थायी समाधान हेतु आज बेल्जियम में कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में गये उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा बायोभरसीटी इन्टरनेशनल, ल्यूवेन, बैल्जियम एवं कैथोलिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक रॉनी स्वनेन, वॉन डेन हयूव, बार्ट पेनीस एवं सबासटियन कारपेन्टीयर के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की गयी एवं इस बीमारी के समाधान के लिए विभिन्न पहलुओं पर विमर्श किया गया।
पनामा बिल्ट केला फसल में लगने वाला एक प्रकार का रोग है, जिससे केला फसल को काफी नुकसान होता है। बिहार में इस बीमारी से प्रत्येक वर्ष काफी मात्रा में केला फसल उत्पादक किसानों को आर्थिक क्षति होती है। अभी तक भारत में इस बीमारी से बचाव हेतु कोई कारगर समाधान नहीं हो पाया है। बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी पर काफी अच्छा अनुसंधान किया है तथा इस दिशा में उन्हें काफी सफलता भी मिली है।
कृषि मंत्री डा. कुमार के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल बेल्जियम की यात्रा पर हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में कृषि उत्पादन आयुक्त सुनिल कुमार सिंह, निदेशक उद्यान अरविन्दर सिंह एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के वैज्ञानिक डा. अमरेन्द्र कुमार शामिल हैं।
आज की बैठक में प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न सदस्यों ने बिहार के संदर्भ में पनामा बिल्ट बीमारी पर अपने-अपने विचार रखे एवं द्विपक्षीय वार्ता के द्वारा बिहार के केला उत्पादन में इस बीमारी के बचाव से संबंधित विभिन्न उपायों पर चर्चा की। कृषि मंत्री एवं प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों ने बायोभरसीटी इन्टरनेशनल एवं कैथोलिक विश्वविद्यालय, ल्यूवेन, बेल्जियम में पनामा बिल्ट बीमारी के समाधान के लिए चल रही विभिन्न शोधों का अवलोकन किया एवं उक्त संस्था द्वारा इस क्षेत्र में हो रहे शोध का बिहार में भी उपयोग करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
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