रायपुर:छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ाने सरकार की कवायदों ने जोर पकड़ा हुआ है। इस मामले में बस्तर अंचल में विकास कार्यों को लेकर रणनीति तौर पर काम हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी हवाई मार्ग से जुड़ जाएंगे। राज्य के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में हवाई पट्टी निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
केन्द्रीय मौसम एवं जलवायु मंत्रालय ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। नक्सल प्रभावित जिला मुख्यालय में हवाई पट्टी के निर्माण के बाद माओवादियों के खिलाफ मोर्चे में भी फोर्स को बड़ी मदद मिल पाएगी। वर्तमान में किसी अन्य जिले में बड़ी घटना के बाद जगदलपुर जिला मुख्यालय में निर्भर रहना पड़ता है।
जबकि दंतेवाड़ा जिले में ही अधिक नक्सल वारदातें होती रही है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में हवाई पट्टी निर्माण के लिए सशर्त अनुमति दे दी है। इसके तहत करीब 39 हेक्टेयर जमीन में एयरस्ट्रीप प्रस्तावित है। हलांकि हवाई पट्टी निर्माण की स्थिति में यहां पर्यावरण को भी नुकसान होगा।
वहीं बड़ी तादाद में पेड़ काटे जाएंगे। शर्तो के तहत ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग संबंधित क्षेत्र से दो गुना ईलाकों में पौधे रोपेगा। इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित विभाग की होगी। पौधे रोपने के बाद इसकी लगातार मानिटरिंग भी करनी हागी। इस मामले में विमानन विभाग की ओर से भी एनओसी जारी कर दी गई है। फेस वन का क्लीयरेंस मिलने के बाद करीब 19 करोड़ के निर्माण कार्य कराए जाएंगे। वहीं करीब 80 हेक्टेयर जमीन पर अलग से पौध रोपण किया जाएगा।
हालांकि पहले चरण में ही इसमें करीब 28 करोड़ खर्च होंगे। इसके साथ ही अन्य कवायदों को पूरा किया जाएगा। दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी निर्माण के लिए बीते पांच साल से प्रक्रिया चल रही थी। दिल्ली स्तर पर क्लीयरेंस नहीं मिलने से मामला अटका हुआ था।