उच्चतम न्यायालय ने जेपी समूह की यमुना एक्सप्रेस-वे की संपत्ति सिंगापुर की कंपनी को बेचने की अनुमति संबंधी याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि उसकी पहली प्राथमिकता फ्लैट खरीदार हैं। वे सड़क पर हैं और फ्लैट पाने के लिए एक मंच से दूसरे मंच का चक्कर लगा रहे हैं। इस पर जेपी समूह के वकील ने कहा कि रियल्टी समूह फ्लैट खरीदारों को फ्लैट देना चाहती है, इसीलिए पैसा एकत्र करने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे की संपत्ति बेचना चाहती है। नोएडा प्राधिकरण, आईडीबीआई बैंक और होम बायर्स ने, हालांकि, यमुना एक्सप्रेस-वे की संपत्ति बेचने का पुरजोर विरोध किया।