नई दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आवासीय योजना 2017 के तहत खुशी-खुशी फ्लैट पाने वाले लोगों ने अब दुखी होकर फ्लैट सरेंडर करना शुरू कर दिया है। ये लोग ड्रा में सफल आवंटी के रूप में अपना नाम देखकर जितना खुश हुए थे अब फ्लैट सरेंडर करते हुए उतने ही दुखी दिख रहे हैं। डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक करीब 500 लोगों अपने फ्लैट सरेंडर कर दिये हैं। हालांकि अधिकारी ने फ्लैट सरेंडर करने की वजह के बारे मेें कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
यदि फ्लैट सरेंडर करने वालों की माने तो डीडीए ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। जबकि डीडीए के एक कर्मचारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि एक हजार से ज्यादा लोग फ्लैट सरेंडर करने आ चुके हैं। ज्यादातर लोगों ने फ्लैट पुराने, महंगे एवं फ्लैटों के आसपास का माहौल खराब होने का हवाला दिया। डीडीए फ्लैट के आवंटी विजय कुमार ने बताया कि उनका फ्लैट जहांगीर पुरी मेट्रो स्टेशन के पास रामगढ़ कॉलोनी में निकला है। यह एलआईजी फ्लैट है।
डीडीए ने ड्रा से पहले इन फ्लैट्स की बड़ी तारीफ की थी लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकली। उन्होंने कहा कि रामगढ़ में जहां ये फ्लैट्स बने हैं। उनमें बेहद गंदी है, यह इलाका भी सही नहीं इसीलिए उन्होंने अपना फ्लैट सरेंडर कर दिया। ऐसे ही अन्य आवंटी अवध किशोर ने बताया कि उनका भी सिरसपुर में एलआईजी फ्लैट निकला है लेकिन यहां की लोकेलिटी सही नहीं है। उन्होंने बताया कि जहां यह फ्लैट है वहां मूलभूत सुविधाओं का आभाव है इसीलिए उन्होंने यह फ्लैट सरेंडर कर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रॉशर में प्राधिकरण ने जिन सुविधाओं का जिक्र किया था वे वहां हैं ही नहीं।
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