नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए गए उपराज्यपाल अनिल बैजल के आउटकम रिपोर्ट को उपराज्पाल कार्यालय ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है। कार्यालय का कहना है कि एलजी हाउस ने दिल्ली सरकार के 97 फीसदी फाइलों को बिना बदलाव पास किया। महज तीन फीसदी को ही पुनर्विचार के लिए भेजा गया। जबकि रिपोर्ट में दावा किया गया कि अधिकतर फाइलों को एलजी हाउस ने रोक दिया। इस रिपोर्ट पर एलजी हाउस ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। हालांकि मीडिया रिपोर्ट पर एलजी हाउस ने कहा कि आप सरकार के तरफ से अब तक 10 हजार फाइलें मिली।
इसमें आरक्षित विषयों से संबंधित फाइल भी थी। इन फाइलों में से 97 फीसदी को बिना बदलाव तुरंत पास कर दिया गया। बिना प्रक्रिया के या अधूरे रूप में यहां भेजे गए तीन फीसदी फाइल को पुनर्विचार के लिए भेजा गया। वहीं महज दो फाइलों को राष्ट्रपति के पास भेजा गया। एलजी हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की रिपोर्ट में गलत और भ्रामक जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि एलजी हाउस को आउटकम रिपोर्ट की प्रति प्राप्त नहीं हुई है और रिपोर्ट बनाते समय संपर्क भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली केन्द्रशासित प्रदेश है और वर्तमान दिल्ली सरकार जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करने का लगातार प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ट्रांस्जक्शन आॅफ बिजनेश रूल्स के अंतर्गत विचारों में मतभेद के कारण दो प्रस्तावों को राष्ट्रपति के पास भेजा गया। इसमें से एक (डीईआरसी) को तथाकथित आउटकम रिपोर्ट में से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से आने वाली अधिकतर फाइलें ज्यादातर समय सरकार के पास ही लंबित रही और अभी भी लंबित है। यदि सरकार नियमों और प्रक्रियाओं के साथ काम करती तो निर्णय जल्द लिया जा सकता था।
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