नई दिल्ली: संसदीय सचिव मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) की दलील खारिज होने के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद ‘आप’ के विधायकों को विधायक बने रहने का अधिकार नहीं है। इसलिए नैतिकता के आधार पर ‘आप’ के सभी 20 विधायकों को इस्तीफा देना चाहिए। प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने भारतीय निर्वाचन आयोग के आये फैसले को सही बताया।
माकन ने कहा कि यह वही आम आदमी पार्टी है, जिसने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम आम आदमी के नाम पर रखा था परंतु दिल्ली की सत्ता में आने के पश्चात वे आम न रहकर खास बन गए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों के अलावा 21 विधायकों को मंत्रीतुल्य सुविधाएं देकर वीआईपी दर्जा दे दिया था। अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि 2006 में सोनिया गांधी के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की एक शिकायत मात्र दी गई थी, जिसको लेकर सोनिया गांधी जी ने लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया था तथा दोबारा भारी बहुमत से विजयी होकर लोकसभा सदस्य बनीं थी।
उन्होंने कहा कि ‘आप’ के विधायक इसलिए इस्तीफा नहीं दे रहे क्योंकि उन्हें चुनाव में जाने से डर लग रहा है। माकन ने कहा कि ‘आप’ विधायकों को पता है कि दोबारा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। अजय माकन ने हाल ही में हुए निगम चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि 21 विधानसभाओं में से एक भी विधानसभा में आप पार्टी चुनाव नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 3 विधानसभाओं में निगम का चुनाव जीती है। माकन ने कहा कि यदि आज इन 20 विधानसभाओं में चुनाव होते हैं तो कांग्रेस कम से कम 15 विधानसभाओं पर जीत हासिल करेगी।