नई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल, चुुनाव सुधार और किसानों की मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान रविवार को केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि वह अन्ना की सभी मांगों को पूरा करे। इसको लेकर अनौपचारिक तौर पर सरकार के नुमाइंदे अंदरखाने से टीम अन्ना से बातचीत कर रहे हैं लेकिन ठोस आश्वासन न मिलने की वजह से यह बातचीत बार-बार विफल हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, टीम अन्ना ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर मंगलवार तक का समय दिया है। इसके बाद आंदोलन का रूप बदल सकता है। वहीं इस बीच केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने अन्ना से बातचीत की कोशिशें शुरू की हैं लेकिन अन्ना आश्वासनों पर नहीं मानें।
इस दौरान रविवार को अवकाश होने बाद भी रामलीला मैदान में भीड़ नहीं पहुंची। मुश्किल से मैदान में करीब 1500 लोग ही उपस्थित रहे। लेकिन इससे अन्ना का हौसला कम नहीं हुआ है। केवल उनका वजन कम हो गया है,अनशन शुरू करने के बाद से उनका 3.6 वजन घट गया है। डॉक्टर की टीम उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच कर रही है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों का दल अन्ना के स्वास्थ्य की जांच कर रहा है। उन्होंने अन्य अनशनकारियों के स्वास्थ्य की भी जांच की। अन्ना ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कमजोर लोकपाल लाकर केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले को छूट दी है। उद्योगपतियों का हजारों रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाता है लेकिन किसानों का ऋण माफ नहीं करती है। किसानों को पांच हजार रुपये पेंशन मिले और कृषि मूल्य आयोग को स्वायत्तता दी जाए। भले ही मेरा वजन कम हो गया हो लेकिन सेहत एकदम ठीक है।
इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं आंदोलनकारियों को संबोधित करने के लिए संत गोपाल दास, पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी शशिकांत और भारतीय किसान यूनियन के नेता भी पहुंचे। रविवार को अन्ना के समर्थन में अनशन पर भी बैठे तीन अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के सीतापुर की श्रीदेवी, रामकली और राजस्थान के सतीश शामिल हैं। अधिकृत तौर पर अनशन पर 227 लोगों के बैठने की घोषणा की गई है, जिसमें यह तीनों भी शामिल थे। वहीं खबर है कि मंच के पास पुलिस कंट्रोल रूम बनाए जाने को लेकर अन्ना केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र भी लिखेंगे।
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