नई दिल्ली : इस समय दिल्ली में दो अनशन की चर्चा हो रही है। कुछ दिन पहले फ्लाईओवर की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की और दूसरी रेप के लिए फांसी की सजा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर स्वाति मालीवाल के आमरण अनशन की। स्वाति को आज अनशन पर बैठे 8 दिन हो गए, लेकिन मनोज तिवारी अपने अनशन पर 8 घंटे भी नहीं बैठ सके। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही इस बात पर मनोज तिवारी पर तंज करते हैं कि जब अनशन करने का दम नहीं था तो ऐलान ही नहीं करना चाहिए था। एलजी अनिल बैजल ने क्या आश्वासन दिया, क्या पता, लेकिन यह भी तय है कि एलजी के आश्वासन से तो शास्त्रीपार्क और सीलम पुर पर फ्लाईओवर बनने से रहा?
विपक्षी पार्टियां भी मनोज तिवारी के इस कथित आमरण-अनशन का मजाक बना रहे हैं। चाहे वह कांग्रेस के नेता हों या फिर आम आदमी पार्टी (आप) के, सभी उस अनशन पर तंज कर रहे हैं। उनका कहना है दिल्ली वालों को समझ नहीं आ रहा कि मनोज तिवारी एलजी के खिलाफ थे या केजरीवाल के खिलाफ। क्योंकि केजरीवाल ने तो कोई आश्वासन तो दिया नहीं। दूसरी तरफ रेप के लिए फांसी की सजा का कानून हो, इसके लिए स्वाति मालीवाल पिछले आठ दिनों से धरने पर है। कोई तुलना ही नहीं की जा सकती है। जिस जज्बे के साथ स्वाति अनशन पर बैठी है, लगता है कि वह अपने मकसद में जरूर कामयाब होगी। मनोज तिवारी और स्वाति के अनशन फर्क देखिए।
स्वाति के अनशन पर दिल्ली के मंत्रियों को तो छोड़ दिए, भाजपा के सांसद तक पहुंच गए। शत्रुध्न सिन्हा के अलावा यशवंत सिन्हा, डी राजा, शरद यादव, गायक हरभजन मान, अभिनेत्री राजश्री पोनप्पा, वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह और पूर्व राज्यसभा सदस्य अली अनवर जैसे नेता पहुंच कर स्वाति के जज्बे को सलाम किया है। एक खास बात यह भी रही कि मनोज तिवारी के अनशन पर लोगों का टोटा था, गिने-चुने मुट्ठी भर लोग टैंट में मौजूद थे, जबकि स्वाति के अनशन में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वहां पर लगातार देशभक्ति गीत और भजन भी गाए जा रहे हैं। शुक्रवार को सीएम ने स्वाति से अनशन तोड़ने की गुजारिश की है। तिवारी के अनशन को तुड़वाने के लिए तमाम लोग एलजी से गुजारिश करने में लगे थे, जैसे ही एलजी की ओर से हरी झंडी मिली, वैसे ही अनशन खत्म हो गया। कहा जा रहा था अनशन तुड़वाने के लिए एलजी पहुंचेंगे, लेकिन एलजी तो छोड़िए जनाब उन्हें कोई ढंग का नेता तक नहीं मिला।
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– सुरेन्द्र पंडित