बीजेपी के दलित सांसद उदित राज ने 2 अप्रैल को भारत बंद के बाद से दलित समुदाय को शोषित किये जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन हुआ है उसके बाद उनके साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में शोषण हो रहा है। उदित राज ने कहा कि इस तरह की तमाम रिपोर्ट सामने आई हैं जिसमे यह सामने आया है कि 2 अप्रैल के प्रदर्शन के बाद दलितों को निशाना बनाया गया है। उदित राज ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘ दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं और यह रुकना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ दो अप्रैल के बाद दलितों को देशभर में प्रताड़ित किया जा रहा है। बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करौली और अन्य स्थानों के लोगों के साथ ऐसा हो रहा है। न केवल आरक्षण विरोधी बल्कि पुलिस भी उन लोगों को पीट रही है। फर्जी मामले लगा रही है। ’’उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से सांसद उदित राज ने कहा कि ग्वालियर में उनके द्वारा चलाए जा रहे दलित संगठन के एक कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया गया। हालांकि उसने कुछ भी गलत नहीं किया था।उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति, जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर किए जाने के खिलाफ दो अप्रैल को किए गए भारत बंद के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
बता दें कि पिछले दिनों सावित्रीबाई फुले , छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नागिना के यशवंत सिंह दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं। बीजेपी के सांसद छोटेलाल ने कहा कि उनके साथ मारपीट की गई थी और हथियार दिखाकर धमकाया गया था। उन्होंने थाने से लेकर डीजीपी तक शिकायत की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। अब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। छोटेलाल का कहना है कि एसपी और डीएम ऊंची जाति के लोग हैं और वे ऊंची जाति के लोगों के साथ मिलकर उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं। सांसद छोटेलाल ने कहा, हम दलित सांसद हैं, हम क्या कर सकते हैं ,बस अपने साथ जो हो रहा है उसे बता ही तो सकते हैं। अगर हमारी बात को गंभीरता से लिया जाता तो ये स्थिति ही नहीं आती।
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