नई दिल्ली : दिल्ली सरकार लोगों के हितों को छोड़ हर मामलों पर राजनीति कर रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 351 सड़कों के मामले में तीनों नगर निगमों की महापौरों को गुमराह किया और करीब 10 वर्ष से लटका कर रखी 351 सड़कों के नोटिफिकेशन की फाइल को वापस कर दिया। उन्होंने कहा कि 2007 में दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 में दी गई सभी छूटों के अनुरूप नगर निगमों के मापदंडों के आधार पर नगर निगम ने सड़कों का सर्वे किया उसके बाद प्रियेम्बल एवं प्रस्ताव पारित कर दिल्ली सरकार को पहले 2183 सड़कों के लिए और उसके बाद 351 और सड़कों के लिए भेजा पर न तो कांग्रेस सरकार ने और न ही केजरीवाल सरकार ने इन 351 सड़कों को नोटिफाई किया।
उन्होंने कहा कि 351 सड़कों के लिए जिस आधार पर सर्वे किया गया, प्रियेम्बल बना एवं प्रस्ताव पारित किया गया उसी आधार पर पूर्व में 2183 सड़कों के लिए किया गया था। गुप्ता ने कहा कि 351 सड़कें दिल्ली देहात, अनधिकृत कालोनियों एवं पूर्वी दिल्ली के ऐसे क्षेत्रों से जुड़ी है जहां लोगों ने जीवन भर की कमाई को जोड़कर छोटी-छोटी दुकानें बनाई हैं और सरकार नगर निगम चुनावों में अपनी हार का बदला लेने के लिए 351 सड़कों के नोटिफिकेशन की फाइल को लटका रही है।
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