नई दिल्ली : दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें सिसोदिया ने पीएम मोदी से सवाल पूछा है कि दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय में सलाहकार पद पर कार्य कर रही आतिशी मारलेना को हटाकर उन्हें क्या मिला? सिसोदिया ने बताया कि आतिशी की सहायता से दिल्ली की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में बड़ी सहायता मिली है। सिसोदिया ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में आपकी ओर से दिल्ली की चुनी हुई सरकार को जैसा सहयोग मिला है वह जग जाहिर है। परंतु इसके बावजूद पिछले तीन साल में बिजली, पानी, स्वास्थ्य आदि के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली में उल्लेखनीय काम हुआ है।
आज हमारे देश में शिक्षा के कई बेहतरीन स्कूल और संस्थान मौजूद हैं। लेकिन समस्या यह है कि अच्छी शिक्षा मुश्किल से सिर्फ 5 प्रतिशत बच्चों के लिए ही उपलब्ध है। बाकी 95 प्रतिशत बच्चों की शिक्षा के हालात बेहद खराब हैं। उसका कोई न्यूनतम पैमाना ही नहीं है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आने वाले अधिकतर बच्चे इसी 95 प्रतिशत आबादी से आते हैं। वे गरीब हैं, अधिकतर माता-पिता स्कूल नहीं गए, मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके घर चलाते हैं। इसमें भी ज्यादा मुश्किल लड़कियों को होती है।
मैंने देखा है कि थोड़ा भी साधन उपलब्ध होने पर कई माता-पिता अपने बेटे को तो प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं पर बेटी को पैसे की कमी के कारण सरकारी स्कूल में मुफ्त शिक्षा दिलाने का फैसला करते हैं। इन परिवारों के बेटे और बेटियों के लिए सरकारी स्कूल में बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना ही हमारे लिए सच्ची देश भक्ति है। हमारे लिए सही मायने में यही विकास है। दिल्ली में ये सब इसलिए हो सका कि हमने शिक्षा को समझने और नया सोचने की क्षमता रखने वाले सलाहकार लगातार अपने साथ रखे हैं। लेकिन 4 दिन पहले अचानक आपने मेरी सलाहकार आतिशी मारलेना को बर्खास्त कर दिया।
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