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पार्टी को 3 साल पूरे होने पर आज जनता के सवालों के जवाब देंगे CM केजरीवाल

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आप पार्टी की सरकार आज दिल्ली में अपने तीन साल पूरे कर रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट जनता के सवालों का जवाब देगी। वही विरोधियों ने भी ‘आप’ के खिलाफ रणनीति तैयार कर ली है। NDMC कनवेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में दिल्ली की जनता फोन के जरिए अपने सवाल करेगी, जिसका जवाब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री देंगे। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि सरकार ने 3 सालों में ही घोषणा पत्र के लगभग 90 प्रतिशत से भी अधिक काम करके अपने गवर्नेंस का लोहा मनवाया है। थोड़ा-बहुत काम जो बाकी है, वो अगले दो सालों के अंदर निश्चित रूप से पूरा किया जाएगा।

आरोप-प्रत्यारोप और सियासत के बीच यहां यह भी बताना अहम है कि 2015 में विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पाटी (आप) का विवादों के साथ पुराना नाता रहा है। शायद ही कोई ऐसा मौका रहा हो जब ‘आप’ विवाद के बीच खड़ी न दिखाई दी हो। मुश्किलें लगातार बढ़ती रहीं और पार्टी के साथ सीएम केजरीवाल को भी एक साथ कई मोर्चों पर जूझना पड़ा। एक वक्त था जब आम आदमी पार्टी को दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सीएम केजरीवाल के झगड़े के कारण पार्टी निरंतर विवादों में घिरती गई। यहीं से आप में शुरू हुए विवाद कभी थमे ही नहीं।

कमोबेश हालात अब भी ऐसे ही बने हुए हैं जहां पार्टी को बाहर और भीतर दोनों ही मोर्चों पर टकराव का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के स्तर पर भी नई मुश्किलें परेशानी का सबब बनी हुई हैं।’आप’ सरकार के कई ऐसे विवाद रहे हैं जिसने पार्टी की नींव को हिलाकर रख दिया, कभी अपने दूर हो गए तो कभी परायों को अपनों से अधिक महत्व दिया गया। सियासी समीकरण बदलते रहे और पार्टी में अदरूनी कलह कई मौकों पर सतह पर आ गई। विपक्षी पार्टिया आप सरकार के गवर्नेंस की लकीर को मिटाने में लगे, जबकि दिल्ली सरकार ने समय की चट्टान पर अमिट रहने वाली गवर्नेंस की लकीर खींच कर सही मायनों खुद को आम आदमी की सरकार साबित किया है।

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