नयी दिल्ली : कांग्रेस ने भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य की आज आलोचना करते हुए इसे निराशाजनक और घिसापिटा करार दिया और कहा कि इसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर कुछ भी नया या बड़ा विचार नहीं है। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें सम्मिलन के बजाय विचलन पर अधिक बल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, भारत एवं अमेरिका के बीच संयुक्त बयान निराशाजनक है, यह कहना बहुत कम है। यह घिसापिटा है। संबंधों में कोई बड़ी बात नहीं है।तिवारी ने कहा, इस्लामिक आतंकवाद के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप की व्याख्या हमारी उस व्याख्या से भिन्न है जो हम सीमा पार आतंकवाद के रूप में देख रहे हैं और जिसको पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है। मोदी ने संयुक्त बयान में कहा था, आतंकवाद का खात्मा करना हमारी शीर्षतम प्राथमिकताओं में से एक है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिका का यह रूख स्वीकार कर लिया जो आतंकवाद और इस्लाम को कथित तौर पर एक मानता है। उन्होंने यह दावा भी किया कि अमेरिका के सिद्धांत से सहमति जताकर भारत इस मुद्दे पर अमेरिका के अधीन काम करता हुआ लग रहा है।