नई दिल्ली : तीन साल से दिल्ली की सत्ता से दूर कांग्रेस में अभी भी जमीनी कार्यकर्ताओं को सही जगह नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि दिल्ली कांग्रेस में प्रदर्शनमैन के नाम से मशहूर यूथ कांग्रेस के दो नेताओं को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य तक नहीं बनाया गया। घर की इस आग की खबर जब आम आदमी पार्टी को लगी तो दोनों कांग्रेसियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए। कांग्रेस के इन प्रदर्शनमैन की आप के धरनामैन यानी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुपचुप मुलाकात भी करा दी। इस मामले में प्रदेश प्रभारी को दखल देना पड़ा। उल्लेखनीय यह भी है कि यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित मलिक भी भाजपा में तो गए लेकिन उनका भविष्य अभी अधर में लटका हुआ है।
पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राजेश शर्मा और उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा में यूथ अध्यक्ष रहे दीपक वशिष्ठ की पहचान कांग्रेस में प्रदर्शनमैन के नाम से है। पार्टी के हर प्रदर्शन में दोनों अपनी पूरी टीम के साथ बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। हालत यह है कि दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए अगर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने दो घंटे का वक्त दिया तो दोनों ने कभी पार्टी को निराश नहीं किया। मामला सीबीएसई पेपर लीक हो या फिर एसएससी पेपर लीक हर मुद्दे पर प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटाने के लिए इन दोनों को ही याद किया जाता है। हर राज्य के चुनाव में दोनों अपनी टीम लेकर प्रचार के लिए पहुंच जाते हैं। राजेश ने हाल ही में रघुबरपुर से और दीपक ने जनता काॅलोनी से कांग्रेस के टिकट पर निगम का चुनाव भी लड़ा था। दोनों के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली का खास माना जाता है लेकिन लवली के बीजेपी में जाने के बाद भी दोनों कांग्रेस से नहीं हिले। पार्टी ने दोनों को प्रदेश डेलीगेट्स में भी जगह दी है।
सूत्रों का कहना है कि यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार इन दोनों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सदस्य बनाने के लिए वकालत की थी लेकिन दिल्ली के नेताओं को यह रास नहीं आया। इसकी भनक कहीं से दिल्ली सरकार में आप के मंत्री गोपाल राय को लग गई। उन्होंने इन दोनों नेताओं को आप में शामिल करने के लिए डोरे डाले। इनकी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात भी कराई, लेकिन दोनों नेता आप के झांसे में नहीं आए। बोले कांग्रेस के सिपाही है यहीं रहेंगे-कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन इसकी खबर प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को लग गई। उन्होंने दोनों को फोन कर पूरे मामले की जानकारी ली और समझाया। अब हालत यह है कि इन दोनों की मुख्यमंत्री से मीटिंग पर पार्टी में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
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– सतेन्द्र त्रिपाठी