दक्षिणी दिल्ली : डेटिंग साइट पर हुई मुलाकात महज दस दिनों तक ही चली और 22 मार्च को मामूली झगड़े के बाद युवक ने दूसरे युवक की सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी। पुलिस को युवक के पिता ने बेटे के अपहरण की जानकारी दी थी। मृतक की पहचान आयुष नौटियाल के रूप में की गई है, जिसकी हत्या को फिरौती का रंग देने के लिए आरोपी ने 50 लाख रुपए की मांग की थी। आरोपी की पहचान इफ्तियाक (26) के रूप में की गई है।
मृतक की पहचान आयुष नौटियाल (21) के रूप में की गई है, जो रामलाल आनंद कॉलेज में बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पुलिस को 22 मार्च को अपहरण की जानकारी मिली थी, जिसके बाद अब उसका शव बरामद हुआ था। अपहरणकर्ता ने आयुष के परिजनों से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। इसी बीच परिजनों ने मामले की सूचना पालम पुलिस थाने को दी, जिसके बाद पालम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई। जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें आयुष का आरोपी इफ्तियाक से एक कैफे में मिलने की जानकारी मिली। इसके बाद पालम थाने की टीम का गठन कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी ने बताया कि वह करीब दस दिनों पहले डेटिंग साइट पर आयुष से मिला था, जिसके बाद उनके बीच चार-पांच मुलाकात हुई थी। 22 मार्च को भी उनकी मुलाकात हुई थी, लेकिन किसी बात पर उनके बीच झगड़ा हो गया। कहासुनी इतनी अधिक बढ़ गई कि आरोपी ने आयुष के सिर पर हथौड़ा मारकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी ने बताया कि हत्या को फिरौती का रंग देने के लिए शव के हाथ पैर बांधे और फिर उसके परिजनों को आयुष के ही मोबाइल से फिरौती के लिए मैसेज भेज दिया। इधर, परिजन अपहरण समझकर अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे, लेकिन बुधवार-गुरुवार रात आयुष का शव बरामद हुआ। इससे पहले परिजनों ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया था। आयुष अपने परिवार के साथ पालम इलाके में साद नगर में रहता था, जिसके पिता दिनेश सरकारी इंश्योरेंस कंपनी में प्रशासनिक अधिकारी हैं।
बेटे के ही मोबाइल से मांगते रहे फिरौती… अधिकारियों के अनुसार, दिनेश को 22 मार्च को मोबाइल पर आयुष के नंबर से वाॅट्सएप आया था, जिसमें उसका हाथ, पैर और मुंह बंधा हुआ था। मैसेज देखने के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। हालांकि पुलिस सिर्फ सूचना लेकर औपचारिकता निभाती रही, लेकिन आयुष की हत्या हो गई। आयुष के भाई निखिल ने दावा किया कि पुलिस को इस बात की जानकारी थी कि अभी फलां गली में आरोपी मौजूद हैं या नहीं, फिर भी पुलिस उन्हें दबोच नहीं पाई। पुलिस पैसे लेते हुए आरोपी को दबोचना चाहती थी, जबकि अगर समय पर कार्रवाई की जाती तो शायद आयुष की जान बचाई जा सकती थी। वहीं, पुलिस का तर्क है िक सूचना मिलने से पहले ही आयुष की इिफ्तयाक ने हत्या कर दी थी।
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