नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले पांच साल के मुकाबले वर्ष 2017 में काफी कम रहा। हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी भी सामान्य से काफी ज्यादा बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान पहली बार दिल्ली में प्रदूषण का औसत स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर कम हुआ है। दिल्ली में 2016 में पीएम 10 का औसत स्तर 310 था जो 2017 में घटकर 260 रह गया। वहीं 2016 में पीएम 2.5 का औसत स्तर 120 था जो 2017 में घटकर 101 रह गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता के प्रयास के कारण प्रदूषण में कमी आई है।
हमें मिलकर इस प्रयास को और आगे ले जाना होगा। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में डीजल खपत 16 फीसदी घटी है। वर्ष 2015-16 में 15.08 लाख मीट्रिक टन डीजल की खपत हुई थी जो 2016-17 में घटकर 12.67 लाख मीट्रिक टन रह गई। दिल्ली में नई वाहनों के रजिस्ट्रेशन में कमी आई है। वर्ष 2015-16 में 8.8 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए थे जबकि 2016-17 में 7.8 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए। इसमें 11 फीसदी की कमी आई है। वहीं पिछले दो सालों में ग्रीन कवर 0.2 फीसदी बढ़ा है। विभाग के प्रयास के कारण करीब 600 हेक्टेयर में हरियाली बढ़ी है।
कोर्ट के आदेश के बाद सभी एजेंसियों ने गंभीरता से काम किया। दिल्ली सरकार ने डीजल जेनरेटर्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। जरूरत के हिसाब से निर्माण संबंधी गतिविधियों को प्रतिबंध भी लगाया और ये भी सुनिश्चित किया कि जब निर्माण संबंधी गतिविधियां हों तो उस क्षेत्र को पूरी तरह से ढककर रखा जाए। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में पेट कोक और फरनस ऑयल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया। सभी औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली रहे ताकि वो बिजली के ऐसे साधनों पर निर्भर न हों जिनसे प्रदूषण फैलता है।
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