नई दिल्ली: चिकित्सा क्षेत्र पर सरकार द्वारा थोपे जा रहे नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के खिलाफ एम्स में सोमवार देर शाम तक राजधानी के डॉक्टरों की चर्चा हुई। जिसमें यह सर्वसम्मति से तय हुआ कि वे जल्द ही लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को इस बाबत अपने सुझाव भेजेंगे। लेकिन अगर उनके सुझावों को नहीं माना गया और मौजूदा प्रावधानों के तहत इसे थोपा गया तो डॉक्टर सड़कों पर उतर कर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने से भी नहीं चूकेंगे।
एम्स में हुई इस परिचर्चा में दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों के अलावा कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी सहभागिता की। इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली मेडिकल काउंसिल, रेजीडेंट एसोसिएशन, फोर्डा, सर्विस फेडरेशन और यूनाइटेड जैसे संगठनों ने भी एक स्वर में एनएमसी एक्ट में ठीक तरह से संशोधन होने के बाद ही इसे पेश करने की मांग की है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भाटी ने बताया कि एनएमसी को सरकार जिस रूप में लागू कराना चाहती है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें।