नई दिल्ली : नेशनल मेडिकल कमीशन के प्रस्तावों को वापस करने को लेकर मंगलवार को डॉक्टरों और स्वास्थ्य मंत्रालय में करीब चार घंटे की लुकाछिपी चली। इस दौरान जहां डॉक्टरों को प्रदर्शन करने से रोका गया तो वहीं उन्हें डीटेन कर सख्ती दिखाने की कोशिश भी की गई। लेकिन इसके विरोध में जब डॉक्टरों ने हड़ताल का ब्रह्मास्त्र चलाया तो स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर से उनकी मांगों को पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने रखने का लॉलीपॉप थमा दिया।
डॉक्टर नहीं एकजुट
एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टर पिछले काफी दिनों से छह फरवरी को विरोध में बड़ी रैली करने का मन बना रहे थे। इसमें राजधानी के सभी मेडिकल कॉलेजों के अलावा दिल्ली के बाहर के भी कॉलेजों के डॉक्टरों के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन मंगलवार को बाहर के छात्र तो आए ही नहीं, वहीं एम्स और सफदरजंग के डॉक्टरों ने फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) से अलग रैली निकालने का फैसला कर लिया।
संसद का घेराव करने निकले
मंगलवार दोपहर करीब दो बजे एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर संसद का घेराव करने निकले। लेकिन पुलिस ने बैरीकेट लगाकर इन्हें आईएनए से पहले ही रोक दिया। डॉक्टरों ने आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता दिखाई तो एक बार दस डॉक्टरों के एक प्रतिनििधमंडल को स्वास्थ्य मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेट्री से बात के लिए भेजा गया। लेकिन ज्वाइंट सेक्रेट्री ने जब मंत्री से मुलाकात नहीं होने की बात कही, तो डॉक्टर भड़क गए।
इसके बाद भी जब डॉक्टर आईएनए से हटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने कुछ डॉक्टरों को डिटेन कर लिया। हालांकि इन्हें बाद मे छोड दिया गया। वहीं दूसरी तरफ फोर्डा की रैली को पुलिस ने एन मौके पर इंडिया गेट जाने से रोक दिया। इसके बाद भी जब डॉक्टरों ने कस्तूरबा गांधी मार्ग से इंडिया गेट जाने की कोशिश की, तो इन्हे भी रोक दिया गया और करीब आधा दर्जन डॉक्टरों को मंदीर मार्ग थाने में डिटेन किया गया।
हड़ताल का ब्रह्मास्त्र…
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिल पाने में नाकाम रहने के बाद एम्स और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने भी जोर आजमाईश शुरू करते हुए आपातकालीन सेवा छोड़ कर अन्य सेवाओं को बंद कर दिया। इसके साथ ही दोनों अस्पतालों के डॉक्टर एम्स के गेट नंबर एक के सामने सड़क पर ही बैठ गए। डॉक्टरों के इस ब्रह्मास्त्र का मान रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा डॉक्टरों से मिलने को तैयार हो गए।
सोमवार से हो सकती है हड़ताल
दूसरी तरफ फोर्डा अध्यक्ष डॉ. विवेक चौकसे ने बताया है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अगले एक दो दिनों में उनसे मिनले का आश्वासन दिया है। लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अगले सोमवार से राजधानी के सभी अस्पतालों में हड़ताल कर दिया जाएगा। वहीं एम्स आरडीए ने भी स्पष्ट किया है कि अगर नड्डा अपनी बात पर कायम नहीं रहते तो उनके पास हड़ताल का रास्ता अभी भी खुला हुआ है।
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