नई दिल्ली : मरीजों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। दवाओं के अलावा ब्लड चढ़ाने, इंजेक्शन देने अथवा ऑपरेशन के दौरान कुछ गलत सामान के प्रयोग से मरीजों की जान जोखिम में आ रही है। यही वजह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हर महीने चार से पांच दवाओं को बैन किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष जनवरी से लेकर अगस्त के बीच करीब 43 दवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ दवाएं ऐसी भी हैं, जिनकी वजह से मरीजों की मौत तक हो चुकी है।
संक्रमण के शिकार मरीजों का पूरा खाका हर महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंच रहा है। यहां से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के स्वीडन ऑफिस से इनकी जांच होने के बाद ही देश में दवाओं पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण चिकित्सा का एक भाग है। लेकिन फिलहाल इस भाग का दायरा बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि मरीजों में संक्रमण कई तरह से होता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह गंभीर स्थिति बनती जा रही है।
संक्रमण हेल्पलाइन… बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संक्रमण के शिकार मरीजों के लिए एडीआर सिस्टम शुरू किया गया है। इसके तहत मरीज 18001803024 और 9717776514 पर कॉल कर अपना पूरा रिकॉर्ड दर्ज करा सकता है। इसके अलावा पीवीपीआई एडीआर नाम का एक मोबाइल एप भी है। यहां से रिकॉर्ड डब्ल्यूएचओ के सॉफ्टवेयर विजिफिलो पर अपलोड होने के बाद यह गाजियाबाद स्थित एडीआर सेंटर पर पहुंचता है, जहां से मंत्रालय होता हुआ यह स्वीडन स्थित डब्ल्यूएचओ मुख्यालय तक पहुंचता है। यहां पूरी जांच होने के बाद भारत सरकार के पास दवा प्रतिबंधित करने की फाइल पहुंचती है। यहां अपना रिकॉर्ड दर्ज कराने के बाद इन मरीजों को उसी शहर के एडीआर सेंटर पर भेजा जाता है। यहां मौजूद मेडिकल विशेषज्ञ काउंसलिंग के साथ फ्री इलाज भी देते हैं। इस समय देश भर में करीब 250 एडीआर सेंटर मौजूद हैं।
कैंडिडा ओरिस संक्रमण भी ज्यादा… चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफेसर अरुणलोक चक्रवर्ती के अनुसार, हाल ही में एक शोध के बाद यह खुलासा हुआ कि अस्पतालों में मरीजों को कैंडिडा ओरिस नामक संक्रमण हो रहा है। जिसके बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अलर्ट जारी भी कर दिया है। इसके कारणों का अभी तक पता नहीं, लेकिन अस्पताल में प्रवेश के बाद मरीजों में यह संक्रमण मिल रहा है।
यूपी हरियाणा में ज्यादा संक्रमण
सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में देशभर से 2 हजार से ज्यादा मरीजों के मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी को उपचार के दौरान या शुरुआत में किसी न किसी तरह का संक्रमण हुआ है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा मरीज यूपी, हरियाणा सहित नॉर्थ इंडिया और महाराष्ट्र से सामने आए हैं। जबकि इसमें चेन्नई जैसे दक्षिणी राज्यों के शहर भी शामिल हैं।
लोगों की जागरूकता…
एडीआर के प्रिंसिपल साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. वी कलाई सलवान बताते हैं कि पिछले कुछ समय से अच्छा काम कर रही है। हालांकि अभी इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहींं है। इस पर कॉल या मोबाइल एप के जरिए रजिस्ट्रर्ड होने के बाद मरीज की पूरी मॉिनटरिंग सरकार करती है। इसलिए जरूरी है कि जिन लोगों को दवा या किसी भी तरह का संक्रमण होता है तो वह संपर्क करें।
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– विकास कुमार