नई दिल्ली : पूरी दिल्ली में भाजपा के सांसदों ने कांग्रेस द्वारा संसद न चलने के विरोध में एक दिन का उपवास रखा गया था। लेकिन यह उपवास दिल्ली वालों को रास नहीं आया। कहीं सड़कें पूरी तरह से जाम तो कहीं पर केन्द्रीय मंत्री अंग्रेजी में भाषण दे गए, बाद में वहां की जनता एक-दूसरे से पूछती दिखी, कि क्या बोले, कुछ सीलिंग पर बोले की नहीं? दिल्ली में केवल यहां के सातों सांसद ही उपवास पर नहीं बैठे थे बल्कि एक दर्जन से अधिक केन्द्रीय मंत्री भी उपवास पर थे, लेकिन ये केन्द्रीय मंत्री अपना स्वंय का स्थल न तैयार कर दिल्ली के सांसदों के उपवास स्थल पर जाकर कुछ देर बैठे, भाषण दिए और चले गए।
सबसे अधिक केन्द्रीय मंत्री नई दिल्ली इलाके में हनुमान मंदिर के पास सांसद मीनाक्षी लेखी के उपवास स्थल पर पहुंचे थे। कुछ केन्द्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक के टाउन हॉल के पास बनने उपवास स्थल पर भी पहुंचे। भाजपा सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी पर मीडिया कुछ अधिक मेहरबान दिखी। लेकिन दिल्ली में जितने भी स्थलों पर सांसद बैठे थे, वहां पर उनके अपने इक्कठा तो मुट्ठी भर ही लोग थे, ये ऐसा नेता थे जिनके लिए जनता के समय नहीं था, न ही उनके कार्यकर्ताओं के पास, जो अपने नेता को भी सुनने नहीं पहुंचे थे। यहां पर सभी जगह मंच बना था, लेकिन सुनने वाले मीडिया के अलावा मुट्ठी भर लोग थे। यहां यह बता दें कि इन नेताओं के लिए क्षेत्र की जनता भले ही नहीं जुटी, लेकिन सड़कों पर जाम भयानक लगा। लोग तीन-तीन घंटे तक जाम में फंसे रहे।
दोपहर में जब स्कूल की छुट्टी हुई तो स्कूली बसें इस जाम में फंसी। इस पर इन भाजपा नेताओं का तर्क था कि यह उपवास तो इन्हीं लोगों के लिए किया जा रहा है। अब जनता को यह समझ नहीं आ रहा था कि यह उनके लिए कैसे था? बहरहाल दिल्ली में सातों सांसदों के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कॉमर्स मंत्री सुरेश प्रभु, पर्यटन मंत्री के जे अलफांसों, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र तोमर, भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते, राज्य मंत्री विजय गोयल आदि उपवास पर थे। अपने उपवास को सफल दिखाने के लिए ये अधिकतर मंत्री दिल्ली के स्थानीय सांसदों के मंच पर पहुंचे और अपना भाषण देकर चले गए। सबसे अधिक केन्द्रीय मंत्री नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी के मंच पर पहुंचे। लेकिन यहां पर उनको सुनने के लिए जनता इक्कठी नहीं हुई। सड़कों के किनारे मंच लगाकर उपवास रखना दिल्लीवालों को रास नहीं आया। कई जगहों पर जाम का नजारा देखने को मिला। लोगों को खासी दिक्कतें हुई।
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