नई दिल्ली : एनजीटी ने गाजीपुर लैंडफिल साइट को खत्म करके उत्तर-पूर्वी दिल्ली में घौंडा गुजरान खादर और सोनिया विहार में लैंडफिल साइट सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इन जगहों पर लैंडफिल साइट बनाने का विरोध भी शुरू हो गया। अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि यह विरोध किसका हो रहा है। यहां तो तीनों पार्टियां (भाजपा-कांग्रेस-आप) सभी विरोध जता रही हैं। इस संबंध में सांसद मनोज तिवारी ने उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर लैैैंडफिल साइट प्रसताव की पुनर्समीक्षा और अन्य स्थान तलाशने का अनुरोध किया है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि पूर्वी दिल्ली से निकलने वाले कचरे आखिर जाएगा कहां? इनका जवाब तीनों दलों के उन नेताओं के पास भी नहीं है, जो इन लैंडफिल साइट का विरोध करने के लिए आंदोलन करने पर उतारू हो गए हैं। दबी जुबान से इन नेताओं के समर्थक कहते भी हैं कि कहीं भी बने हमारे विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में नहीं न होना चाहिए। कुछ नेताओं ने जगह भी सुझाई है लेकिन वह उनके संसदीय क्षेत्र में नहीं बल्कि किसी अन्य के संसदीय क्षेत्र में है।
यानी अब तीनों ही पार्टियां कूड़े के बहाने अपनी राजनीति चमकाने में लग गए हैं। अब देखना है कि इन नेताओं की चलती है या फिर एनजीटी की। वैसे यह बता दें कि इन जगहों के लिए नेशनल इंवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनईईआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में उपयुक्त बताया है।
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– सुरेन्द्र पंडित