नई दिल्ली: 108 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति और उसके आसपास के अवैध कब्जे पर हाईकोर्ट का सख्त रुख कायम है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने पर विचार करने की बात कही। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की बेंच ने कहा कि हम दोषियों को ऐसे नही छोड़ सकते। इस बात की जांच होनी ही चाहिए कि कैसे इतनी बड़ी मूर्ति बनकर खड़ी हो गई। किसने इसकी इजाजत दी।
बेंच ने साथ ही डीडीए और नगर निगम से उन अधिकारियों की लिस्ट भी मांगी जो 1995 में करोलबाग में कार्यरत थे। हालांकि सुनवाई के दौरान निगम ने एक सूची अदालत को सौंपी थी लेकिन अदालत ने उसे नाकाफी बताते हुए एक नई लिस्ट बनाने के लिए कहा है। निगम की तरफ से अदालत को सूचित किया गया कि 108 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति के आसपास सड़क पर हुए अवैध कब्जे को मुक्त कराने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। साथ ही वहां चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को भी रोक दिया गया है।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी अदालत को बताया कि उसने मंदिर के ट्रस्ट के अधिकारियों से पूछताछ कर ये पता लगाने की कोशिश की है कि उनके पास पैसों का क्या सोर्स है। पुलिस ने बताया कि ट्रस्ट के एकाउंट में 11 लाख नकद और 40 लाख की एफडी का पता चला है।
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