नई दिल्ली : फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने कहा कि आतिथ्य क्षेत्र ने 25 करोड़ या उससे अधिक की परियोजनाओं को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने की सरकार से मांग की है। यह रेस्तरां एवं होटल कारोबारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला देश का शीर्ष संगठन है।
सरकार को सौंपे ज्ञापन में संगठन ने देश में पर्यटन से प्रेरित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सभी श्रेणियों के होटलों पर 12 प्रतिशत की समान कर दर लगाने की भी मांग की है। उन्होंने बयान में कहा कि वर्तमान में कमरों के किराए के आधार पर होटलों के लिए चार कर दरें (0 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) हैं। एफएचआरएआई के अध्यक्ष गरीश ओबराय ने कहा, पर्यटन क्षेत्र देश के पर्यटन स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे की कमी का सामना कर रहा है।
छोटी निवेश परियोजनाओं को बुनियादी ढांचों का दर्जा देकर और होटल क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करके इस कमी को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में होटल और पर्यटन क्षेत्र में 28 प्रतिशत जीएसटी नहीं है। आवासीय सुविधाओं पर लगने वाली भिन्न-भिन्न कर दरें इस धारणा को बढ़ातीं है कि भारत एक पर्यटक अनुकूल राष्ट्र नहीं है।
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