दक्षिणी दिल्ली : उच्च शिक्षा का पर्याय माने जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में इस समय शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। हैरानी की बात यह है कि छात्रों से मान मनौव्वल करने के बाद भी स्थिति नियंत्रण में न आने पर प्रशासन को कथित छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक करनी पड़ी। दरअसल, अलग-अलग मांगों को लेकर जेएनयू के तीन विषयों के कैंपस में ताला जड़ दिया गया है। कई दिन तक ताला लगाने और खोलना सिलसिलेवार तरीके से चलता रहा और हारकर प्रशासन ने मामले की सूचना वसंतकुंज (उत्तर) पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पुलिस को कुछ नामजद युवकों द्वारा कक्षाओं को बाधित करने की जानकारी मिली थी जिसके बाद शनिवार को एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी तो नहीं की गई है, लेकिन पुलिस की तफ्तीश जारी है। शिकायत के अनुसार, लगभग एक महीने से प्रोफेसर बिल्डिंग में जाने की कोशिश करते हैं, लेकिन छात्र उनको जबरन रोक लेते हैं।
उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं है, जब छात्रों और प्रशासन की झड़प का मामला पुलिस के पास तक पहुंचा है। इसके पहले भी कभी छात्र संगठन तो कभी प्रोफेसर पुलिस तक मदद की गुहार लगा चुके हैं। वर्ष 2017 में अलग-अलग कारणों से वसंत कुंज थाना पुलिस ने 15 बार प्रशासन की मदद की। जानकारों के अनुसार, शुरुआती समय में जेएनयू का विरोध प्रदर्शन महज कॉलेज परिसर तक ही सीमित रहता था, जिसमें मुद्दों पर प्रशासन के साथ जंग छेड़ी जाती थी। नौ फरवरी 2016 में कथित देश-विरोधी नारेबाजी के कारण जेएनयू गलत कारणों से राष्ट्रीय मीडिया में आया, जिसमें छात्रों का जन सैलाब विवि कैंपस से निकलकर संसद मार्ग तक पहुंचा। जेएनयू में छात्र नेताओं को आड़े हाथों लिया गया और विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चल निकला।
वर्ष 2016 से लेकर अब तक सिर्फ जेएनयू से पचास से अधिक विरोध प्रदर्शन निकाले गए, जिसमें कई प्रदर्शनों में उग्र हो रहे छात्रों पर काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग तक करना पड़ा। बता दें कि बीते माह छात्रों के एक समूह ने पुलिस पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर को बचाने का आरोप लगाते हुए वसंत कुंज थाने का घेराव किया था और फिर संसद मार्ग तक मार्च किया था। इस दौरान आईएनए पर पुलिस पार्टी के साथ उनकी झड़प हो गई थी, जिसमें पुलिस ने बल प्रयोग भी किया था। आलम यह है कि बीते सप्ताह एक छात्र ने विरोध प्रदर्शन के कारण क्लास न जा पाने पर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी।
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– रवि भूषण द्विवेदी