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गेस्ट टीचर मामले में उपमुख्यमंत्री की हाईकोर्ट ने की खिंचाई

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नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर को नियमित करने के मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने कोर्ट पंहुचे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आड़े हाथों लिया। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती और गेस्ट टीचर के प्रमोशन को लेकर दिल्ली सरकार इस समय बेहद गंभीर है। नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को भी बताया गया था कि वो जो गेस्ट टीचर्स हैं उनका प्रमोशन करने केेे साथ-साथ उन्हें नियमित भी करने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है।

जिस पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में कोर्ट पहुंचे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भी खिंचाई की। जस्टिस सिदार्थ मृदुल और दीप शर्मा की बेंच ने कहा कि सरकार नियमों की अनदेखी कर गेस्ट टीचर्स को नियमित क्यों करना चाहती है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि वो योग्य हैं तो वो भर्ती परीक्षा में बैठें और वहां से अगर वो पास हो जाते हैं तो इसके बाद उनका चयन खुद ब खुद हो जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इस मसले पर उपराज्यपाल से बात कर समस्या का समाधान क्यों नहीं निकालती।

हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि नियमों के मुताबिक भर्ती परीक्षा के तहत ही शिक्षकों की नियुक्ति हो सकती है तो फिर इसके बगैर अतिथि शिक्षकों को नियमित कैसे किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहती है और इस दिशा में काफी काम भी कर रही है। उन्होंने कहा कि यह काम गेस्ट टीचर्स को नियमित किए बगैर नहीं हो सकता। उन्होंने इसके लिए टीचर्स के अनुभव को प्रमुख कारण बताया। इस पर हाईकोर्ट ने उनसे पूछा कि आखिर गेस्ट टीचर्स से सरकार को इतना लगाव क्यों है।

इसके जवाब में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम 15 हजार शिक्षकों को बेरोजगार नहीं कर सकते। इस मामले में वकील अशोक अग्रवाल ने सिसोदिया की दलीलों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने सरकार द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी देने से पहले ही इंकार कर दिया है, ऐसे में इनकी अपील को खारिज किया जाना चाहिए। इसमें सबसे दिलचस्प है कि सरकार के शिक्षा निदेशालय ने खुद ही शिक्षा मंत्री की अपील को आधारहीन बताते हुए खारिज करने की मांग की है।

सिसोदिया ने अपनी अपील में एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है जिसमें 9232 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। शिक्षा निदेशालय ने हाईकोर्ट को बताया है कि केजरीवाल सरकार द्वारा गेस्ट टीचर्स को नियमित करने के लिए विधानसभा में पारित विधेयक को उपराज्यपाल ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

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