नई दिल्ली : बेरोजगारी की मार झेल रहे एक युवक ने कथित रूप से रेल भवन में इंटरव्यू की आड़ में अपने साथ पांच लाख रुपए की ठगी का गंभीर आरोप लगाया है। इतना ही नहीं ठग गिरोह ने उसका कनॉट प्लेस स्थित रेलवे के हॉस्पिटल में मेडिकल भी कराया। बाद में रेलवे में टिकट चेकर (टीसी) पद का फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर पांच लाख रुपए ठग लिए। पीड़ित जब नियुक्ति पत्र की कॉपी लेकर रेलवे के ट्रेनिंग सेंटर पर पहुंचा पता चला कि दस्तावेज फर्जी हैं। जिसके बाद पीड़ित राजकुमार ने संसद मार्ग थाने में ठगी की शिकायत दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
पीड़ित राजकुमार ने आरोप लगाया था कि उसका इंटरव्यू रेल भवन के कमरा नम्बर नौ में कुछ लोगों ने लिया था। उससे करीब दस सवाल पूछे गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने वहां सीसीटीवी फुटेज की जांच की मगर शुरुआती तौर पर रेल भवन में युवक के इंटरव्यू की पुष्टी नहीं हो सकी है। पीड़ित राजकुमार का कहना है कि इस गिरोह ने उसकी तरह और भी लोगों को वीआईपी कोटे से जॉब के नाम पर ठगा है। अगर पुलिस गंभीरता से मामले की जांच करे तो एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। फिलहाल पुलिस आगे मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित राजकुमार अपने परिवार के साथ फरीदाबाद सेक्टर-22 में रहता है। करीब एक साल पहले ट्रेन में सफर करते वक्त उसकी मुलाकात भूषण शर्मा नाम के एक व्यक्ति से हुई।
उस व्यक्ति ने खुद को रेलवे ऑफिसर बताया और अपना आईकार्ड भी दिखाया। जब राजकुमार ने कहा कि वह बेरोजगार है तो भूषण ने उसे आश्वासन दिया कि वह वीआईपी कोटे से कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है। पांच लाख रुपए में वह उसकी भी जॉब लगवा देगा। आरोपी ने राजकुमार को पढ़ाई से संबंधित दस्तावेज लेकर गृह मंत्रालय के पीछे एक कॉफी हाउस में बुलाया। शुरू में उससे पांच हजार रुपए लिए। जिसके बाद 13 जून को उसे रेल भवन में इंटरव्यू के लिए बुलाया। जहां कुछ लोगों की मौजूदगी में उसका इंटरव्यू हुआ। जिसके बाद 19 जून को राजकुमार मेडिकल के लिए कनॉट प्लेस स्थित रेलवे के हॉस्पिटल में बुलाया। आरोपी भूषण ने इंटरव्यू और मेडिकल के लिए 25-25 हजार रुपए लिए। आरोपी ने राजकुमार को कहा कि वह बाकी रकम तब लेगा, जब उसे नियुक्ति पत्र देगा।
पीड़ित राजकुमार का आरोप है कि 2 जुलाई को भूषण ने उसे फोन कर बधाई दी कि उसका सिलेक्शन हो गया था। इसके बाद 24 जुलाई को आरोपी ने उसे बाकी रकम साढ़े चार लाख रुपए लेकर नियुक्ति पत्र और पुलिस वेरिफिकेशन पत्र लेने के लिए बुलाया। आरोपी ने उसे नियुक्ति पत्र और पुलिस वेरिफिकेशन पत्र की कॉपी देकर कहा कि 28 जुलाई तक उसका ऑरिजनल नियुक्ति पत्र डाक के माध्यम से उसके घर पहुंच जाएगा। मगर जब नियुक्ति पत्र घर नहीं आया तो पीड़ित नियुक्ति पत्र की कॉपी लेकर रेलवे के ट्रेनिंग सेंटर पहुंच गया। जहां पता चला कि उसके पास सभी दस्तावेज फर्जी हैं। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में अपने साथ ठगी की शिकायत दी।
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