नई दिल्ली: जाम से परेशान दिल्लीवासियों को वर्ष 2018 में राहत मिलने की उम्मीद है। जाम की समस्या को देखते हुए आपसी मतभेद दूर कर उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार एक मंच पर आ गए हैं। खुद उपराज्यपाल लगातार सड़कों का दौरा कर जाम के कारकों की पहचान कर उन्हें हटाने का आदेश दे रहे हैं। वहीं दिल्ली सरकार के प्रस्ताव बस लेन की दिशा में आगे बढ़ते हुए एलजी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर बस लेन निर्धारित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्होंने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि सड़कों की स्थिति जल्द से जल्द सुधारें। साथ ही सड़कों पर से गाड़ियां की भीड़ कम करने के लिए पेट्रोल की 15 साल और डीजल की दस साल पुुरानी गाड़ियों को हटाने का निर्देश उपराज्यपाल दे चुके हैं। एलजी के आदेश के बाद उम्मीद कर सकते हैं कि सड़कों पर एक चौथाई से अधिक वाहन सड़कों से दूर हो जाएंगे। बता दें कि दिल्ली की सड़कों पर अभी 1.7 करोड़ से अधिक वाहन हैं।
अतिक्रमण से मिलेगी निजात
दिल्ली की सड़कों पर जाम का कारण बनने वाले अतिक्रमण वर्ष 2018 में खत्म हो सकते हैं। उपराज्यपाल के निर्देश के बाद दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद सहित अन्य एजेंसियों ने सड़कों पर अतिक्रमण की सूची बनाना शुरू कर दिया है। निर्देश के तहत चरणों में इन अतिक्रमणों को हटाया जाएगा। इनमें वह स्थायी निर्माण भी शामिल होंगे जो सड़कों पर बन हुए हैं। इन अतिक्रमणों को हटाने के बाद सड़कों की चौड़ाई बढ़ेगी।
सड़कों से दूर होंगे अवैध कब्जे
सड़कों पर अवैध कब्जा करके बैठे ई-रिक्शा चालक, रेहड़ी-पटरी व अन्य वर्ष 2018 में हटा दिए जाएंगे। सभी निकायों को निर्देश दिया गया है कि सड़कों पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों को हटाया जाएगा। बता दें कि दिल्ली की सड़कों पर पांच लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वाले हैं इसमें से दो लाख से अधिक अवैध रूप से खड़े होते हैं। इसके अलावा रेड लाइट और चौक पर जमे ई-रिक्शा वालों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कई जगहों पर चल रहा है मेट्रो का काम
उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के आदेश के बाद वर्ष 2018 में लोक निर्माण विभाग और दिल्ली नगर निगम की सड़कों में सुधार देखा जा सकता है। संभावना है कि पीडब्ल्यूडी जल्द ही सड़कों का सुधार कार्य शुरू करे। हालांकि अभी कई जगहों पर मेट्रो का काम चल रहा है जो अगस्त-सितंबर तक खत्म हो सकता है। बता दें कि दिल्ली में तीन हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें हैं।
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– राकेश शर्मा