आम आदमी पार्टी पिछले कुछ समय से लगातार बाहरी और भीतरी आघात झेल रही है। पार्टी के नेता ही पार्टी के वरिष्ठों पर हमले कर रहे हैं। इस बीच पार्टी के सामने 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मुश्किल खड़ी हो गई है। पार्टी इन मुश्किलों से गुजर रही है और इसी बीच पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर एक बार फिर से हमला बोला है। उनकी बातों में इशारों इशारों में हमला पार्टी प्रमुख और संयोजक तथा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर ही रहा।
यूपी के इटावा में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता और कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने सोमवार को आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर दुख जताया और कहा कि एक कार्यकर्ता हूं इसलिए मुझे अफसोस है लेकिन यह अवैध है या वैध, मैं उस पर टिप्प्णी नहीं कर सकता। उन्होंने इसका कारण बताया और कहा कि बीते 2 महीने पहले से ही पार्टी ने मुझसे दूरी बना ली थी।
राष्ट्रपति द्वारा आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश मंजूर किए जाने के मामले पर भी विश्वास ने टीका टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह हमारा संवैधानिक उत्तरदायित्व है कि राष्ट्रपति भवन पर टीका टिप्पणी न की जाए। इससे देश की अस्मिता पर सवाल खड़ा होता है।
वहीं, आम आदमी पार्टी से राज्यसभा के टिकट न मिलने के सवाल पर विश्वास ने कहा कि एक कवि कभी हाशिये पर नहीं रहता। मैंने हमेशा गलत को गलत और सही को सही कहा है। इस समय सभी पार्टियों में जी साहब का कल्चर चल रहा है। इस समय हमारी पार्टी में भी आंदोलन के बाद कुछ बाहर से सपा बसपा और कांग्रेस से आये हुए सत्ता के अनुचरों ने सुप्रीमो पद्धति लागू करने का प्रयास किया है।
विश्वास ने पार्टी में आये गुप्ता बंधुओ पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि इस समय पार्टी में अजगर वाले लोग आए हैं जो मेरी तरह पार्टी के लिए रैली करेंगे और शायद भीड़ को वोट में परिवर्तित कर 20 की 20 सीटें जिताकर नरेंद्र मोदी का मुंह बंद कर देंगे। किसी अन्य पार्टी द्वारा राज्यसभा भेजे जाने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर कुमार विश्वास ने कहा कि मैं ऐसी पारम्परिक पार्टियों में नहीं जाने वाला जिनसे असहमत होकर मैंने आम आदमी पार्टी बनाई थी। मैं एक कवि के रूप में अभी इतना छोटा नहीं हो गया हूं।
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