नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास अपनी ही पार्टी के नेताओ पर एक के बाद एक हमले बढ़ते जा रहे हैं। विश्वास पर ताजा हमला आप की दिल्ली इकाई के पूर्व संयोजक दिलीप पांडे ने किया है। पांडे ने विश्वास की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए सिर्फ कांग्रेस को ही अपने निशाने पर लेने के बारे में उनसे पूछा है।
पांडे ने ट्वीट कर विश्वास से पूछा कि वह भाजपा के खिलाफ क्यों कुछ नहीं बोलते। पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे विश्वास को हाल ही में आप की राजस्थान इकाई का प्रभारी बना कर राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी गई है। हालांकि इसके बाद भी विश्वास के खिलाफ पार्टी के भीतर असंतोष के स्वर उभरते रहे हैं।
भैया, आप कांग्रेसियों को ख़ूब गाली देते हो, पर कहते हो कि राजस्थान में वसुंधरा के ख़िलाफ़ नहीं बोलेंगे? ऐसा क्यों??https://t.co/jKGz3IHded
— Dilip K. Pandey (@dilipkpandey) June 14, 2017
पांडे ने ट्वीट किया कि भैया आप कांग्रेसियों को ख़ूब गाली देते हो, पर कहते हो कि राजस्थान में वसुंधरा के ख़िलाफ़ नहीं बोलेंगे? ऐसा क्यों?विश्वास द्वारा कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के सेना प्रमुख के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की आलोचना करने और इससे पहले राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोलने के बयान का हवाला देते हुए पांडे ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाये हैं। इससे पहले विश्वास ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान केन्द्रीय नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल करने के बजाय स्थानीय नेताओं को इसमें तवज्जो देने की बात कह कर एक बार फिर आप में अंदरूनी विवाद पैदा कर दिया।
इसके बाद सोशल मीडिया पर विश्वास पर हमले तेज हो गए हैं। इस बीच राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर भी आप के लिए कांग्रेस खेमे से मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। समझा जाता है कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार की तलाश की कवायद से आप को अलग रखने की मुहिम तेज हो गई है।सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की मुहिम में आप की मौजूदगी का विरोध किया है।
हालांकि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल इस मुहिम में उनकी पार्टी को शामिल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, जदयू नेता शरद यादव और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन इस बारे में कांग्रेस और राकांपा ने अपने अपने दलों के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ केजरीवाल के अपमानजनक बयानों का हवाला देते हुए आप को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की साझा मुहिम से दूर रखने की बात कही है।