दिल्ली के कुंवारे विधायक कम वेतन से परेशान हैं। कम वेतन के कारण उनके लिए कोई रिश्ता नहीं आ रहा। यहीं नहीं जिनकी शादी हो गई उनका घर नहीं चल रहा। हालत यह है कि वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर इन विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। विधायकों की मांग को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह कमेटी केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग करेंगे। दरअसल शुक्रवार को आप विधायक विशेष रवि ने सदन में कहा कि दिल्ली के विधायकों का वेतन 12 हजार रुपये हैं। लेकिन जनता इसे झूठ मानती है।
कोर्ट में जज भी मानते हैं कि दिल्ली के विधायकों का वेतन ढाई लाख रुपये हो गया है। कोर्ट में जज विधायक मनोज कुमार और दिनेश मोहनिया से सैलरी स्लिप मांगते हैं। जब लोगों से मिलते हैं तो वह कहते हैं कि आप लोगों ने पिछले साल ही वेतन बढ़ा लिया। उन्होंने कहा कि कम वेतन होने के कारण विधायकों का घर चलना मुश्किल हो गया है। ऑफिस खर्च और आना-जाना है इस कम वेतन में संभव नहीं। तीन साल में शादीशुदा विधायकों के बच्चे हुए, लगातार खर्च बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की शादी नहीं हुई, उनके लिए रिश्ते नहीं आ रहे।
वहीं इस विषय पर भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि हम इस प्रस्ताव के साथ हैं, मुख्यमंत्री को इस पर सकारात्मक कार्य करना चाहिए। विधायकों की सैलरी कम होने की वजह से शादी नहीं हो रही। विधायकों का वेतन बढ़ना चाहिए। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। सभी को सामूहिक रूप से गृहमंत्री के समक्ष यह बात उठानी चाहिए। इस विषय पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वेतन बढ़ाने की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है। यहीं भाजपा चाहे तो वेतन बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि हम गृहमंत्री के पास चलने के लिए तैयार हैं।
ये हैं कमेटी में… अध्यक्ष द्वारा बनाई गई समिति में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आप विधायक सौरभ भारद्वाज, संजीव झा व प्रवीण कुमार, भाजपा विधायक मजिंदर सिंह सिरसा, ओपी शर्मा सदस्य हैं। यह समिति गृहमंत्री से मुलाकात कर वेतन बढ़ाने की मांग रखेंगी। विधायकों के वेतन वृद्धि का मामला लगभग दो साल से गृहमंत्रालय के पास लंबित है। दिल्ली विधानसभा ने 3 दिसंबर 2015 को यह प्रस्ताव पास किया था।
इस प्रस्ताव के तहत विधायकों का वेतन में चार गुणा बढ़ाकर 2 लाख 35 हजार रुपये प्रति माह करना है। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार विधायकों का मूल वेतन 12 हजार रुपये से बढ़कर 50 हजार रुपये हो जाएगा। अभी विधायकों को करीब 80-90 हजार रुपये मिलते हैं। इसके अलावा भत्ते भी हैं। जो लगभग 1.20 लाख रुपये हो जाएंगे। बढ़ाने के बाद यह 3.67 लाख रुपये हो जाएगी।
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