दिल्ली वक्फ बोर्ड के गठन को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार में एक बार फिर से ठन गई है। एलजी ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बोर्ड गठन को रोक दिया है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने वैध कारणों के अभाव में बोर्ड के गठन को रोक दिया है। वक्फ एक्ट 1995 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार दिल्ली वक्फ बोर्ड का गठन करने की प्रक्रिया एक साल से भी ज्यादा समय से लंबित है। पूर्व एलजी नजीब जंग ने बोर्ड को अवैध तरीके से भंग कर दिया था। सिसोदिया ने कहा कि बोर्ड के अधिकारियों ने नियमों का पालन करते हुए तीन सदस्यों का चुनाव किया।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन के संबंध में कुछ नहीं कहा बल्कि उनका आदेश काउंसिल के मुस्लिम सदस्य को लेकर था, जिसे चौथे सदस्य के रूप में शामिल करना है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के लिए तीन मनोनीत सदस्यों के नामों को भी एलजी द्वारा अनुमोदित किया गया है। सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने एक खास उद्देश्य से बोर्ड के गठन को रोक दिया है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन के बाद कई प्रकार की जांच की गई जिसमें कई खामियां पाई गई थी। इसमें जमीनों पर कब्जा, अतिक्रमण सहित अन्य मामले शामिल थे। चयनित बोर्ड उन्हें रोककर आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा था लेकिन बोर्ड के गठन को रोकने से स्थिति चरमरा गई है। हालत यह है कि वर्तमान में विभिन्न मस्जिदों के इमामों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड के गठन को रोकने के पीछे कुछ और ही मकसद हो सकता है।
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