नई दिल्ली : रेप कैपीटल में तब्दील हो चुकी राजधानी में मासूमों से हो रहे रेप के विरोध में 30 दिनों के सत्याग्रह का ऐलान करने वाली दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस ओर उनका ध्यान खिंचा। अपने लंबे चौड़े पत्र में स्वाति ने जहां राजधानी के हालात से उन्हें अवगत कराया तो वहीं पिछले दो साल में अपने कई पत्रों का जवाब नहीं देने की उलाहना भी दी। स्वाति ने पत्र में पीएम से एम्स में दाखिल आठ महीने की रेप पीड़िता से मिलने की अपील करते हुए उनके सत्याग्रह के भीतर ही रेप करने वालों के खिलाफ सख्त व्यवस्था बनाने की मांग भी की।
स्वाति ने पीएम से दिल्ली पुलिस के आंकड़े भी साझा किए। जिसके अनुसार वर्ष 2012 से 2014 के बीच में 31,446 महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दिल्ली में दर्ज हुए लेकिन 150 से कम मामलों में सजाएं हुई। स्वाति का कहना है कि अगर लोगों को सजा का डर नहीं होगा तो यह अपराध रूकेगा कैसे। उन्होंनेआठ महीने की बच्ची के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील के अपराधी को सजा-ए-मौत को जरूरी नहीं बताने पर भी दुख प्रकट किया है।
मासूूमों के रेप के दोषियों के लिए सजाए मौत की मांग के साथ ही स्वाति ने पीएम से कुछ और मांगे भी कीं। जिसमे पुलिस को 66 हजार पुलिसकर्मी देना, पुलिस को डिजिटल करना, नए कोर्ट बनाना और फारेंसिक लेबोरेटरी और प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट के कार्यशैली को भी सशक्त करने की मांग की है। कलावती सरन अस्पताल से एम्स में दाखिल आठ माह की मासूम रेप पीड़ित को आगामी सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
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