नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने एक बार फिर दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। 28 और 29 जून को दोपहर दो बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होगी। इस संबंध में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि दो दिवसीय इस सत्र में नियम 280 के तहत सदस्य अपनी समस्याएं सदन के सामने रख सकेंगे। इसके अलावा पहले दिन राजधानी में भूमिहीन परिवारों को ग्रामसभा की जमीन पर दिए गए प्लाट का मालिकाना हक देने की मांग पर चर्चा की जायेगी। हालांकि, दो दिन का यह सत्र भी हर सत्र की तरह हंगामेदार होने के आसार हैं। बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता अपने-अपने तर्कों के साथ सत्र में हंगामा कर सकते हैं। सत्र में 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक की शुरुआत के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा शुरू किए गए अपने 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत दिल्ली सहित देशभर में विधावाओं, सैनिकों एवं अन्य श्रेणियों के तहत आने वाले गरीबों को विभिन्न माप के प्लॉट वितरित किए गए थे।
इन जमीनों का उद्देश्य गरीब परिवारों की जिंदगी को बेहतर बनाना था। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में इसी योजना के तहत दिए गए प्लाटों का मालिकाना हक उक्तपरिवार को पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है। जबकि दिल्ली में अभी तक ऐसा नहीं हो पाया। सदन पर इस विचार करके अपनी राय एलजी को भेजेगा। वहीं विधानसभा की याचिका समिति लोक निर्माण विभाग के कामों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जिसमें नालों की सफाई एवं जलभराव को लेकर अभी तक किए गए कामों का ब्योरा एवं समिति का अपना दृष्टिकोण होगा। जबकि दूसरे दिन दिल्ली के आवेदकों को गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति में 85 फीसदी सीट आरक्षित करने पर चर्चा होगी। जिसमें शर्त रखी गई है कि आवेदक ने 12वीं कक्षा दिल्ली के स्कूल से, स्नातक या कॉलेज की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय या दिल्ली के ही किसी अन्य कॉलेज से की हो। साथ ही टीचर एजुकेशन डिग्री या डिप्लोमा भी दिल्ली के संस्थान से ही हो। सूत्रों का दावा है कि यह सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है, क्योंकि हाल ही में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के सतर्कता विभाग को एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। संभव हैं कि इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा में कोई चर्चा हो प्रस्ताव पारित हो। वहीं निगम की कार्य प्रणाली जैसे मुद्दे पर सदस्य अपने विचार रखेंगे।