पूर्व मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों ने आज बैठक आरंभ होते ही हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण से शून्यकाल शुरू करने होने के करीब 15 मिनट बाद ही कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रधानमंत्री से माफी की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल बाधित रहा। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने को कहा, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रिपुन बोरा और रजनी पाटिल सहित कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्होंने कामकाज स्थगित करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है।
इन सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आ कर माफी मांगनी चाहिए। कुछ सदस्य अपनी मांग के पक्ष में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए। नायडू ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा आपका यह आचरण उचित नहीं है।
जो आप कर रहे हैं वह देश के लिए, लोकतंत्र के लिए और सदन के लिए अच्छा नहीं है। यह संसद है और जो आप कर रहे हैं वह पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने वे नोटिस स्वीकार नहीं किए हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही बाधित न करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा यह तरीका नहीं है। यह संसद है। लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। अपनी सीमा पार न करें और अपने स्थानों पर लौट जाएं। वेंकैया नायडू ने विपक्ष को साफ तौर पर कहा कि क्योंकि राज्यसभा में कुछ नहीं हुआ है, इसलिए कोई भी माफी मांगने नहीं जा रहा है। सभापति ने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों के महत्वपूर्ण मुद्दे शून्यकाल के तहत उठाए जाने हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से पूछा क्या आपके लिए मुद्दे महत्वपूर्ण नहीं हैं ? इसके बाद राज्यसभा को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
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