नई दिल्ली : देश में किसानों की बदहाली और चुनाव सुधार को लेकर आगामी 23 मार्च से समाजसेवी अन्ना हजारे आंदोलन शुरू करेंगे। इस आंदोलन को लेकर अभी उन्होंने देश के 18 राज्यों में जन सभा की। वहीं शेष माह के अंदर वह देश के अन्य राज्यों में चुनाव सुधार और किसानों के मुद्दे को लेकर जन सभा करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन से ऐसे लोगों को दूर रखने की बात कही जो आंदोलन को जरिया बनाकर राजनीति में आ जाते हैं।
मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले आंदोलन के मंच का इस्तेमाल कर कोई मुख्यमंत्री बन गया तो कोई मंत्री। अन्ना हजारे ने कहा कि इस बार जो व्यक्ति आंदोलन में शामिल होने के लिए आएगा। उसे एक हलफनामा देना होगा कि वह भविष्य में किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने का शपथ पत्र देगा। अगर यह हलफनामा पहले लिया होता तो आंदोलन के मंच का इस्तेमाल करने वाले लोग मुख्यमंत्री और मंत्री न बन पाते।
उधर, अन्ना से सवाल पूछा गया कि क्या केजरीवाल ने जनलोकपाल आंदोलन को धोखा दिया है। जिसपर उन्होंने कहा कि ‘मैं तो फकीर हूं, फकीर को कोई क्या धोखा देगा’, केजरीवाल ने आश्वासन दिया था कि वह पार्टी नहीं बनाएंगे। वहीं दिल्ली की तीन राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में केजरी पर टिकट बेचने के आरोप लगने वाले सवाल पर हजारे ने कहा कि मेरा अब उन लोगों से कोई संबंध नहीं है, मुझे उनके बारे में कुछ पता नहीं है। मेरा और केजरीवाल का रास्ता अब अलग हो गया है।
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