नई दिल्ली : जैसा कि हम सब जानते है कि हर चीज के लिए आधार कार्ड अनिवार्य वैसे ही अब छात्रों की डिग्री को भी आधार कार्ड से जोड़ा जायेगा और इसमें उनकी तस्वीर भी होगी तथा उनके कालेज का नाम भी लिखा होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज विजन इंडिया फाउंडेशन द्वारा लोकनीति एवं शासन में युवकों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार में छात्रों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। नेहरू संग्रहालय एवं पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार में 25 राज्यों के छात्र उपस्थित थे।
जावड़ेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं सुधार कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल डिग्री डिपॉजिटरी के तहत कोई छात्र अपनी डिग्री हासिल कर सकता है और उसमें उस छात्र का आधार नंबर भी होगा तथा उसमें उसकी तस्वीर भी होगी और उसके कालेज का नाम भी होगा ताकि दिल्ली सरकार के एक मंत्री की तरह कोई फर्जी डिग्री हासिल न कर सके। उन्होंने कहा की हमने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई है जिसमे 60 लाख पुस्तकें हैं और कोई भी छात्र मुफ्त में उन किताबों को पढ़ सकता हैं। उन्होंने एटीएम की तरह एएलएम की चर्चा करते हुए कहा कि कोई छात्र अब मूक्स प्लेटफार्म के जरिए कभी भी कहीं भी पढ़ सकता है।
अभी 340 कोर्स उपलब्ध है और अगले साल 2 हजार कोर्स मूक्स पर उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अब तक छात्रों के हास्टलों से 600 स्टार्ट अप शुरू किए गए हैं और 15 इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए गए। उन्होंने बताया कि शोध को बढ़ावा देने के लिए देश में पहली बार इंप्रिंट योजना शुरू की गई और इसके तहत 1500 प्रस्ताव मिले जिनमे 300 प्रस्ताव चुने गए हैं और पीपीपी मॉडल के जरिए 600 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उच्चतर आविष्कार योजना के तहत 98 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं।
उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विदेशी प्राध्यापकों के लेक्चर शुरू किए जाने के कार्यक्रम के तहत इस वर्ष 58 देशों के 600 शिक्षक भारत आए और अगले साल 800 विदेशी शिक्षक बुलाए जाएंगे। इससे पहले अशोका विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रमथ सिन्हा ने कहा कि देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने के लिए हर अवकाश प्राप्त शिक्षक को अपने स्थानीय कालेजों में कुछ घंटे मुफ्त पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल स्तर पर ही आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।