नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े चिकित्सकीय संस्थान एम्स में अब रोजाना ही परिसर में मिलने वाले खाद्य पदार्थ की जांच की जाएगी। इसके लिए आठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है। जिस फूड सेफ्टी मॉनिटरिंग कमेटी का चेयरमैन डर्मिटोलॉजी विभाग के प्रो. बीके खेतान को नियुक्त किया है।
निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के निर्देशों पर प्रबंधन ने कमेटी को हर दिन एम्स परिसर में खाद्य पदार्थों की निगरानी रखने और भारतीय खाद्य सरंक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) की गाइडलाइन को लागू कराने के लिए जल्द से जल्द नीति तैयार करने को कहा है। बता दें कि पिछले वर्ष दिसंबर में एफएसएसआई ने आईआईटी और एम्स जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों पर एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें बताया गया कि यहां खाने की गुणवत्ता बेहतर नहीं है।
इससे पहले आईआईटी और एम्स के विभिन्न कैंपस से प्राधिकरण के पास कई शिकायत भी दाखिल हो चुकी हैं। इस साल जनवरी में दिल्ली स्थित आईआईटी और एम्स के अलावा मुंबई, चेन्नई और गुवाहटी के आईआईटी के साथ जोधपुर एम्स, अहमदाबाद एवं कोझीकोड स्थित आईआईएम, आईआईएससी बेंगलुरु और आईआईएसईआर कोलकात्ता में विभिन्न एजेंसियों के जरिए खाने की जांच कराई थी।
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