दिल्ली विधानसभा के गलियारों में स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों की तस्वीरों में टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाने को लेकर विवाद छिड़ गया हो। बता दें कि दिल्ली के विधायकों और दिल्ली विधानसभा में आने वाले लोगों को देश के क्रांतिकारियों से रुबरु कराने के उद्देश्य से इन्हें लगाया गया था।
इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली विधानसभा में इन तस्वीरों का अनावरण किया गया, लेकिन इसको लेकर भाजपा विधायक दिल्ली सरकार पर हमलावर हो गए। पिछले दिनों भाजपा के विधायक ओपी शर्मा ने टीपू सुल्तान के चित्र को विधानसभा में लगाना जनता की भावनाओं को आहत करने वाला बताया था।
ओपी शर्मा ने कहा, ‘जब केजरीवाल को पता है कि ये विवादित है तो क्यों तस्वीर लगाई गई। भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई के साथ लगाने वाला कद नहीं है टीपू सुल्तान का। मैं ये मामला विधानसभा में भी उठाऊंगा।’ वहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का कहना है कि टीपू सुल्तान की फोटो लगाना गर्व की बात है, उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग में बड़ा योगदान दिया था। इस तरह से भाजपा अपनी संकुचित सोच को पेश कर रही है।
उन्होंने संविधान के एक पेज का जिक्र किया जिसमें रानी लक्ष्मी बाई के साथ टीपू सुल्तान की तस्वीर है। राम निवास गोयल ने तस्वीर दिखाते हुए भाजपा से पूछा कि जब संविधान बनाने वाले ने टीपू सुल्तान में कोई खोट नहीं दिखी तो फिर क्या बीजेपी संविधान बनाने वाले पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। यहीं नहीं, उन्होंने कहा कि बीजेपी को संविधान की समझ नहीं, उनका काम सिर्फ लड़ाना है।
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