पश्चिमी दिल्ली : बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी स्थित राजपार्क अग्निकांड मामले में मंगलवार दोपहर चारों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव उनके गांव हरदोई यूपी पहुंचे तो उनके दोस्त, रिश्तेदारों का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं इस दर्दनाक हादसे का एक और पहलु समाने आया, जब अपने पोते की मौत की सूचना मिलते ही दादा को हार्ट अटैक हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे खेलने की उम्र में कमाने के लिए मजबूरी में गांव से चले गए थे। जिनके शवों को देखकर हर व्यक्ति गमगीन था। राजपार्क स्थित जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग ने चार घरों के चिरागों को बुझा दिया। दो नाबालिगों समेत चारों युवकों के शवों को मंगलवार शाम उनके पैतृक गांव भेज दिया गया। जहां उनको क्षेत्र के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।
रज्जी से काफी प्यार करते थे शुकुल
रज्जी की मौत की सूचना जब शाम को उसके दादा शुकुल मोहम्मद को पता चली। उनको उसी समय में हार्ट अटैक आ गया। उनको गांव के पास के ही एक अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां डॉक्टरों ने शुकुल को मृत घोषित कर दिया। शुकुल रज्जी से काफी प्यार करते थे। शुकुल भी काफी बार उसके बारे में परिवार वालों से पूछते रहते थे।
घर के थे मुखिया
मोहम्मद रज्जी की मौसी के बेटे सरताज ने बताया कि चारों अभी छोटे थे, लेकिन अपने-अपने घरों के मुखिया की तरह से थे। रज्जी की मां बुजुर्ग है, जबकि आयुब और उसके भाई महबूब के पिता छोटे खान दिव्यांग हैं। मोहम्मद शामू के बुजुर्ग पिता फिदा हुसैन को भी शामू के महीने पर आने वाले पैसे का इंतजार रहता था। शामू किशोर अवस्था में ही गांव से दिल्ली कमाने के लिए चला आया था। वह अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहता था।
पैसे नहीं थे…सरताज ने बताया कि उनके पास इतने भी रुपये नहीं थे कि वह शवों को एम्बुलेंस से गांव भी ले जा सकें। क्योंकि उनके पास कुछ हजार रुपए ही थे। सभी ने एक दूसरे से लेकर रुपये इकट्ठा कर रहे थे। उनको चिंता यहीं लगी हुई थी। क्योंकि एम्बुलेंस वाले उनसे बीस से 25 हजार रुपए किराया ले रहे थे। इतने पैसे उनके पास नहीं थे। इस बीच फैक्ट्री के मालिक ने उनको इतने रुपए दे दिये कि चारों बच्चों के शवों को एम्बुलेंस से उनके गांव तक जरूर ले जा सकें।
बड़े भाइयों ने तीनों को कमाने के लिए बुलाया
मोहम्मद रज्जी के भाई अली मोहम्मद व उनके रिश्दारों ने बताया कि आयुब को उसके भाई वारिश ने रज्जी को अली मोहम्मद ने और शामू को उसके बड़े भाई ने गांव से करीब दो साल पहले कमाने के लिए बुला लिया था। उनको लगता था कि घर की आर्थिक तंगी दूर करने में वह भी सहायता कर सकते हैं साथ ही छोटे भाई उनकी आंखों के सामने रहेगें तो गलत सोसाइटी में नहीं जा सकेगें। लेकिन उनका भाईयों को बुलाना शायद गलत साबित हुआ। फिलहाल सुल्तानपुरी पुलिस ने आरोपी नितेश को गिरफ्तार कर कर लिया है। नितेश विरेश का बेटा है।
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