नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में बुधवार को रैन बसेरे को लेकर जमकर हंमागा हुआ। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष के सभी विधायक दिल्ली में ठंड से हुई मौत 44 मौतों का मामला उठाते हुए सदन की वेल में आए गए। हालांकि स्पीकर ने उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन वह 22 मिनट तक विरोध करते रहे। इस दौरान नियम 280 के तहत चर्चा भी होती रही। विरोध करते हुए नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद माना कि इस वर्ष ठंड से ज्यादा मौते हुई है और इसके लिए डूसिब के अधिकारी जिम्मेदार हैं।
उन्होंने दावा किया था कि आरोपी अधिकारी को नोटिस किया गया है और उनपर कार्रवाई होगी। गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि इस मामले में क्या प्रगति हुई और अधिकारी पर किस प्रकार की कार्रवाई की गई। वहीं इस मामले में सदन को उत्तर देते हुए शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में बेघरों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। दिल्ली में 30 हजार बेघरों के लिए व्यवस्था हैं इसमें अभी 23 हजार के करीब लोग रह रहे हैं। अभी भी हमारे पास करीब सात हजार लोगों को रखने की व्यवस्था है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि एम्स के पास 1100 लोगों के लिए व्यवस्था की गई है।
यहां एम्स ने सुविधा देने की जगह परेशान करने का काम किया है। पहले एम्स हॉल खोल देता था अब ऐसा नहीं किया। यहीं नहीं वीवीआईपी रूट के नाम पर पुलिस ने बेघरों को रैन बसेरे से भी निकाल रही है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह लोगों को झूठ बोलते हैं कि कंबल वितरित करें जिसकी लालच में वह रैन बसेरे से निकल जाते हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह कंबल चोरी कर गरीबों में बांटते हैं और बाद में फिर से छिन लेते हैं। वहीं मंत्री द्वारा दिए गए आकड़ों के संबंध में डूसिब का कहना है कि दिल्ली में करीब 19 हजार लोगों की व्यवस्था की गई हैं।
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