हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार व कवि डॉ. केदारनाथ सिंह के निधन की खबर से काशी का भी साहित्य जगत शोकाकुल हो गया। डॉ. सिंह का बनारस से गहरा संबंध था। उनकी पढ़ाई-लिखाई इसी शहर में हुई। लेखकों और साहित्यकारों से उनके गहरे संबंध थे। केदार जी अज्ञेय संपादित ‘तीसरा सप्तक’ के प्रमुख कवि थे और नई कविता आंदोलन में उन्होंने अग्रगामी भूमिका निभाई।
बाद की कविता, जिसे युवा कविता भी कहा गया, उसके प्रमुख कवि के रूप में उन्हें याद रखा जाएगा। उनकी कविता में गांव की मिट्टी की सोंधी गंध मिलती है, साथ ही प्रगतिशील आधुनिकता के तत्व भी। केदारनाथ सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी , यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर जारी एक शोक संदेश में मोदी ने केदारनाथ के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
हिन्दी के महान कवि-साहित्यकार केदारनाथ सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने लोकजीवन की संवेदनाओं को अपनी कविताओं में जगह दी। साहित्य जगत और सामान्य जन दोनों को हमेशा उनसे प्रेरणा मिलती रहेगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुखद घड़ी में संबल प्रदान करे: PM
— PMO India (@PMOIndia) March 20, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा,’हिन्दी के महान कवि-साहित्यकार केदारनाथ सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने लोकजीवन की संवेदनाओं को अपनी कविताओं में जगह दी। साहित्य जगत और सामान्य जन दोनों को हमेशा उनसे प्रेरणा मिलती रहेगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुखद घड़ में संबल प्रदान करे।’ गौरतलब है कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के प्रख्यात कवि केदार नाथ सिंह का कल रात यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था।
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