नई दिल्ली: देश में चांद दिखने के साथ ही शनिवार शाम से रमजान की शुरुआत हो गई। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने चांद दिखने की तसदीक की। उन्होंने बताया कि असल में माहे रमजान मुसलमान के लिए दुनिया में अपनी जिन्दगी गुजारने का सही तरीका है। इस मौके पर उन्होंने देश में अमन और तरक्की की दुआ की। मुुकद्दस रमजान के लिए पहले से ही मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। बाजार भी पूरी तरह से गुलजार हैं। चांद देखने के बाद ही इशा की नमाज (रात की नमाज) के बाद तरावीह (कुरान का पाठ) शुरू हो गर्ईं।
रमजान का चांद नजर आते ही लोगों ने एक दूसरे को चांद की बधाई देना शुरू कर दिया। मौलाना मुफ्ती मकर्रम ने कहा कि रमजान रहमतें लेकर आया है। मौलाना ने बताया कि साल के 12 महीनों में रमजान सबसे खास महीना है। मौलाना ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा अल्लाह का जिक्र करें, जकात और अन्य दान दें। लोगों और आपने नौकरों से नर्म दिल से पेश आएं। खासकर गरीबों और अपने नौकरों पर रहम करें। रमजान का महीना पूरे साल की ट्रेनिंग का महीना है। रोजा रखकर भूखे रहने का एक खास उद्देश्य। रोजदार को रोजे का अज्र खुद अल्लाह देगा।