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सीलिंग से राहत के संशोधनों पर मुहर

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नई दिल्ली : राजधानी की दुकानों और व्यापारियों को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2021 से जुड़े कई महत्वपूर्ण संशोधनों को स्वीकृति दे दी गई। दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बोर्ड सदस्यों की उपस्थिति में जांच एवं सुनवाई बोर्ड के सभी सुझावों पर मुहर लगा दी। हालांकि बोर्ड बैठक में पास हुए कन्वर्जन शुल्क की दरों पर दिल्ली के कुछ व्यापारी संगठनों ने नाखुशी जताई। बैठक के बाद जानकारी देते हुए बोर्ड सदस्य विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सीलिंग को लेकर स्थानीय आरडब्ल्यूए, व्यक्तियों, व्यापारियों और एनजीओ ओर से 741 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए और जांच एवं सुनवाई बोर्ड के समक्ष दिनांक 9, 10 और 12 फरवरी, 2018 को लगभग 210 प्रतिनिधियों ने मौखिक रूप से अपना पक्ष प्रस्तुत किया।

सभी स्टेक होल्डरों का पक्ष सुनने के पश्चात और आरडब्ल्यूए और व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों में तालमेल बनाने के लिए जांच एवं सुनवाई बोर्ड ने अपनी और से भी कुछ सिफारिशों की हैं जिन्हें बोर्ड के सामने रखा गया। बोर्ड ने इन्हें स्वीकृति दे दी। अब केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय इन प्रस्तावों को नोटीफाई करेगा। उन्होंने कहा कि अब वर्ष 1962 से पूर्व और बाद में बने सभी शॉप-कम-रेजीडेंशियल एरिया प्लॉटों तथा परिसरों के लिए एक समान फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) किया गया है। इसके साथ ही इन प्लॉटों अथवा परिसरों पर बने बेसमेंटों पर भी एक समान नियम लागू होेंगे। इसके अलावा बेसमेंट को कमर्शियल गतिविधियों की शर्तों के साथ मंजूरी मिल जाएगी। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों को प्रमुख राहत पहुंचाते हुए सभी देय शुल्कों जैसे पार्किंग तथा कन्वर्जन शुल्क को पुनर्गठित कर तर्कसंगत बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि अब व्यापारियों को मात्र 10 वर्ष तक ही कन्वर्जन शुल्क देना होगा । उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जीवन पर्यन्त इस शुल्क को देने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही भुगतान संबंधी नियमों को पहले से कहीं अधिक सरल तथा तर्कसंगत बनाया गया है। अब सम्पत्ति कर की श्रेणी के अनुसार कन्वर्जन शुल्क लिया जाएगा। शुल्क वसूलने के लिए मात्र तीन श्रेणियां होंगी जो ए व बी, सी तथा डी एवं ई, एफ, जी, एच हैं। कन्वर्जन चार्ज पर पैनल्टी शुल्क 10 गुना से घटाकर डेढ़ गुना कर दिया गया है। साथ ही मालिकों को अब एकमुश्त पार्किंग चार्ज देना होगा। ये एक ही वर्ष में 4 किश्तों में दिया जा सकेगा। रिहायशी इलाकों में पब और क्लब हाउसों को स्वीकृति नहीं होगी। ये केवल लोकल शॉपिंग सेंटर में ही चल सकते हैं।

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