नई दिल्ली : नेताओं के तमाम दावों के बावजूद दिल्ली में सीलिंग का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में संपत्तियां सील हो रही हैं। मंगलवार को पूर्वी दिल्ली में 18 तो दक्षिणी दिल्ली में 24 संपत्तियों को सील किया गया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पॉश इलाकों में सीलिंग की जा रही है। इनमें रामा विहार, आनंद विहार, सूर्य निकेतन समेत कई इलाके शामिल हैं।
शाहदरा साउथ जोन भवन विभाग के अधिकारी दूसरे दिन भी आनंद विहार इलाके में सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंचे। इस दौरान निगम अधिकारियों के साथ बीएसएफ, सीआरपीएफ के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। इस दौरान रामा विहार इलाके में निगम को विरोध का सामना करना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ आनंद विहार के रामा विहार, सूर्य निकेतन और आनंद विहार के रिहायशी इलाके में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंचे। शाम तक चली कार्रवाई के दौरान निगम अधिकारियों ने 18 संपत्तियों की 26 मंजिलों पर सीलिंग की। इस दौरान रामा विहार इलाके में जब वे सीलिंग करने पहुंचे तो एक संपत्ति को सील करने को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
लगातार जारी रहेगी सीलिंग
जोन उपायुक्त अतीक अहमद ने बताया कि रिहायशी इलाकों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ निगम की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। उधर, राजौरी गार्डन, सागरपुर व नजफगढ़ इलाके में भी निगम अधिकारियों ने भारी विरोध के बीच 24 संपत्तियां सील की। भीड़ बढ़ते देख मौके पर मौजूद सीआरपीएफ जवानों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को वहां से तुरंत खदेड़ दिया। इसके बाद शाम तक पुलिस की मौजूदगी में सीलिंग की कार्रवाई चलती रही।
गीता कॉलोनी इलाके में निगम अधिकारियों ने उन संपत्तियों पर सीलिंग की कार्रवाई तेज कर दी, जिन्होंने पार्किंग की जगह पर दुकानें बना ली थीं। ऐसी ही 26 दुकानों को सील किया है। इसके साथ-साथ एक गोदाम को भी सील किया गया है। अशोकनगर इलाके में अवैध रूप से बन रहे तीन भवनों के खिलाफ निगम ने सीलिंग की कार्रवाई की।
माॅनिटरिंग कमेटी से मिला सीटीआई प्रतिनिधिमंडल
दिल्ली में हो रही सीलिंग को लेकर मंगलवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सुप्रीम कोर्ट की माॅनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन के जी राव और भूरेलाल से मिला। सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल और हेमन्त गुप्ता ने बताया कि हमने माॅनिटरिंग कमेटी के सामने 13 प्रमुख मांगें रखीं। जिनमें आग्रह किया कि सीलिंग की कार्रवाई को 30 जून तक के लिए रोक दिया जाए। इसके अलावा दुकान सील करने से पहले दुकानदार को एक नोटिस देकर 30 दिन का समय दिया जाए जिससे वो अपना लीगल पक्ष भी रख सके।
कन्वर्जन चार्ज वन टाइम होना चाहिए और कम से कम होना चाहिए। सीटीआई के उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और महासचिव राकेश यादव ने बताया कि चांदनी चौक, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट और खारी-बावली जैसे मुगलकालीन बाजारों में भी कन्वर्जन चार्ज जमा कराने के नोटिस भेजे जा रहे हैं जबकि ये बाजार पहले से ही कमर्शियल हैं। इसके अलावा मास्टर प्लान के अनुसार बाजारों का रिडेवलेपमेंट भी होना था जिसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके साथ ही एफएआर बढ़ाने के साथ पार्किंग उपलब्धता अनिवार्य नहीं होनी चाहिए। बृजेश गोयल ने बताया कि माॅनिटरिंग कमेटी ने हमारी बातों को गौर से सुना और कहा कि आपके मुद्दों का कमेटी अच्छे से अध्ययन करेगी लेकिन फिलहाल उन्होंने सीलिंग को रोकने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया।
सीलिंग को लेकर कैट ने लिखा सीएम को पत्र
दिल्ली के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सीलिंग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार से अध्यादेश लाने या विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीलिंग पर रोक लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को भेजे इस पत्र में व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है की दिल्ली में सीलिंग के मामले में स्थापित कानूनी प्रक्रिया और लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है। इतना ही नहीं दिल्ली नगर निगम कानून, 1957 में उल्लेखित कानूनी प्रक्रिया का भी पालन नहीं हो रहा है। व्यापारियों को उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, ऐसे में अब इस मामले में सरकार का सीधा दखल आवश्यक हो गया है जिसके चलते या तो दिल्ली सरकार अध्यादेश लाए या विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाकर बिल पारित करते हुए सीलिंग पर रोक लगाए।
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