फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रमोटरों मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। दोनों ही कंपनी के बोर्ड सदस्य थे। दोनों ने यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के जापानी फार्मास्युटिकल कंपनी दाइची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रुपये वसूलने की इजाजत मिलने के बाद लिया है। मलविंदर ने फोर्टिस हेल्थकेयर के एग्जिक्युटिव चेयरमैन के पद से और शिविंदर सिंह ने नॉन-एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन के पद से इस्तीफा दिया है। फोर्टिस हेल्थकेयर ने भी इस बात की पुष्टी की है कि मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर सिंह ने कंपनी के डायरेक्टरशिप से इस्तीफा दे दिया है।
फोर्टिस हेल्थकेयर का बोर्ड इस मामले पर 13 फरवरी को विचार करेगा। फार्मास्युटिकल कंपनी दाइची के पक्ष में सिंगापुर की एक ट्राइब्यूनल ने आदेश किया था। इस आदेश में कहा गया था कि रेनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स और सिंह बंधुओं मलविंदर और शिविंदर ने शेयरों की बिक्री करते वक्त यह जानकारी छिपाई कि भारतीय कंपनी यूएस फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के जांच का सामना कर रही है। इस आदेश के बाद फार्मास्युटिकल कंपनी दाइची ने दिल्ली हाईकोर्ट से मलविंद और शिविंदर से 3500 करोड़ रुपये वसूलने की इजाजत मांगी थी।
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